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हिंदू मंदिरों को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच क्यों छिड़ी जंग? जानें क्या है इतिहास

कंबोडिया-थाईलैंड सीमा पर स्थित 900 वर्ष पुराना प्रीह विहिर मंदिर क्षेत्रीय विवाद का केंद्र है. औपनिवेशिक सीमांकन, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले और हालिया सैन्य झड़पों ने तनाव बढ़ाया है. ता मुएन थॉम मंदिर भी इस संघर्ष में नई आग जोड़ रहा है, जिससे हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

कंबोडिया के डांगरेक पहाड़ों की 525 मीटर ऊंची चट्टान पर स्थित प्रीह विहिर मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक 900 वर्ष पुराना हिंदू मंदिर है. यह मंदिर खमेर साम्राज्य के काल में निर्मित हुआ था और आज भी यह न केवल कंबोडिया बल्कि थाईलैंड के लिए भी एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र है. इस स्थल से लगभग 95 किलोमीटर पश्चिम में ता मुएन थॉम नामक एक और 12वीं शताब्दी का शिव मंदिर स्थित है, जो अब नए विवाद का केंद्र बन गया है.

झड़पों का इतिहास

प्रीह विहिर और ता मुएन थॉम मंदिरों को लेकर दशकों से कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद चल रहा है. यह विवाद विशेष रूप से औपनिवेशिक काल में खींची गई सीमाओं पर आधारित है, जो दोनों देशों की दावेदारी को लेकर जटिल बना देता है. गुरुवार को एक बार फिर दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़पें हुईं. यह संघर्ष बीते एक दशक में सबसे हिंसक माना जा रहा है, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई, दर्जनों घायल हुए और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा.

संघर्ष का नया केंद्र

ता मुएन थॉम मंदिर, डांगरेक पर्वत श्रृंखला के जंगलों में स्थित है. यहां तीन खमेर शैली के मंदिर हैं – ता मुएन थॉम, ता मुएन और ता मुएन टोट. इनमें से ता मुएन थॉम मंदिर खास है क्योंकि इसका गर्भगृह दक्षिणमुखी है, जो खमेर वास्तुकला में दुर्लभ है. यहाँ एक प्राकृतिक शिवलिंग भी स्थित है. मंदिर की सीमावर्ती स्थिति के कारण यह बार-बार टकराव का कारण बनता रहा है.

हालिया विवाद

ताजा विवाद तब भड़का जब कंबोडियाई सैनिकों ने कथित रूप से मंदिर क्षेत्र में राष्ट्रगान गाया, जिससे थाई सैनिकों के साथ झड़प हो गई. थाई पक्ष का दावा है कि कंबोडिया ने ड्रोन से उनकी सैन्य निगरानी की और आरपीजी से हमला किया, जिससे उन्हें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. दूसरी ओर, कंबोडिया ने थाईलैंड पर उसकी संप्रभुता के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

सीमा पर बढ़ता तनाव 

थाईलैंड ने अपनी सीमाओं पर "स्तर 4" की चेतावनी जारी कर दी है और सभी सीमा चौकियों को बंद कर दिया है. सुरिन प्रांत के 86 गाँवों से 40,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है. सीमा पर भारी सैन्य तैनाती की गई है और दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति पर अडिग हैं.

न्यायालय का निर्णय

1962 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने प्रीह विहिर मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना था. 2013 में इस फैसले को स्पष्ट करते हुए ICJ ने मंदिर के आसपास के क्षेत्र को भी कंबोडिया को सौंपने का आदेश दिया. इसके बावजूद, सीमा पर तनाव और संघर्ष समय-समय पर उभरते रहते हैं.

औपनिवेशिक विरासत और राजनीतिक प्रभाव

1907 में फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के दौरान बनाए गए नक्शों के आधार पर विवाद खड़ा हुआ था. थाईलैंड लंबे समय से इन नक्शों पर सवाल उठाता रहा है, खासकर आधुनिक भौगोलिक तकनीकों से मिली विसंगतियों के आधार पर. 2008 में जब प्रीह विहिर को यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित किया गया, तब थाईलैंड में इसका भारी विरोध हुआ और राजनीतिक अस्थिरता भी बढ़ गई.

 

 

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25 July 2025, 02:42 PM IST

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