क्या बढ़ जाएगी सिगरेट की कीमतें? जानिए WHO के आदेश के बाद कितनी महंगी होगी
भारत में तंबाकू और सिगरेट पर लगने वाला टैक्स वर्तमान में 53% तक है, जिसमें 28% जीएसटी और अन्य सेस शामिल हैं. WHO की सिफारिश के मुताबिक, इस टैक्स को 75% तक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि तंबाकू उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो और उनकी खपत कम हो.

भारत में तंबाकू और सिगरेट पर लगने वाला टैक्स अभी 53% तक पहुंच चुका है, जिसमें 28% जीएसटी (GST) और अन्य सेस और शुल्क शामिल हैं. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश के बाद सरकार इसे बढ़ाने को लेकर विचार कर रही है. WHO का मानना है कि तंबाकू उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाने से इनकी खपत में कमी आएगी और लोगों को इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाया जा सकेगा. WHO के अनुसार, तंबाकू उत्पादों पर टैक्स की दर 75% तक बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि इन उत्पादों की कीमतें बढ़ें और व्यक्ति इनका सेवन कम ही करें. यदि सरकार इस सिफारिश को लागू करती है, तो सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है.
WHO क्यों चाहता है 75% टैक्स?
WHO का कहना है कि तंबाकू उत्पादों पर उच्च कर लगाने से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी होगी, जिससे लोग इन्हें कम खरीदेंगे. इसके परिणामस्वरूप तंबाकू से संबंधित बीमारियों की संख्या में कमी आएगी. भारत में हर साल लाखों लोग तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण मर जाते हैं. ज्यादा टैक्स से तंबाकू की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और इसकी खपत में भी कमी आएगी.
WHO के अनुसार, इस कदम से सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी, जिसे स्वास्थ्य योजनाओं और अन्य योजनाओं पर खर्च किया जा सकेगा. इसके साथ ही, महंगे तंबाकू उत्पाद किशोरों और युवाओं को इनसे दूर रखने में मदद कर सकते हैं. कई देशों में इस नीति को अपनाया गया है और ये सफल साबित हुई है.
भारत में तंबाकू पर टैक्स की वर्तमान स्थिति
भारत में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर कुल मिलाकर 53% टैक्स लगता है, जिसमें 28% जीएसटी, 5% कंपनसेशन सेस और अतिरिक्त उत्पाद शुल्क शामिल हैं, जो सिगरेट की लंबाई और विशेषताओं के आधार पर 2,076 रुपये से 4,170 रुपये प्रति 1,000 सिगरेट तक हो सकता है. हालांकि, WHO के अनुसार, यह टैक्स दर 75% के मानक से काफी कम है.
अगर तंबाकू उत्पादों पर टैक्स 75% तक बढ़ा दिया जाता है, तो सिगरेट की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिलेगा. अनुमान के अनुसार, जो सिगरेट आज 10 रुपये में बिकती है, उसकी कीमत बढ़कर 17.50 रुपये तक पहुंच सकती है. इसका मतलब है कि अब आपको वही सिगरेट खरीदने के लिए करीब डेढ़ से दो गुना ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है.
सरकार की संभावित योजना
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार 2026 में समाप्त होने वाले कंपनसेशन सेस के बाद तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की योजना बना रही है. फिलहाल, सरकार इस दिशा में दो प्रमुख विकल्पों पर विचार कर रही है:
जीएसटी दर को 40% तक बढ़ाना: यह जीएसटी की सबसे ऊंची स्लैब होगी और इसके ऊपर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क भी लगाया जा सकता है.
हेल्थ सेस लगाना: हालांकि, इस पर केंद्र और कुछ राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है.
वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सरकार ऐसे विकल्पों की तलाश कर रही है, जिससे तंबाकू से प्राप्त होने वाले राजस्व में गिरावट ना आए और जनता पर अचानक ज्यादा आर्थिक बोझ भी ना पड़े.


