फिलिस्तीन बनेगा नया देश? 14 देशों ने बनाई यूनियन, इजरायल को दी सख्त चेतावनी
गाजा युद्ध के बीच 14 देशों ने इजरायल पर दबाव बनाते हुए फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र मानने की चेतावनी दी है. इन देशों ने सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव लाने और दो-राष्ट्र समाधान की वकालत करने की घोषणा की है.

गाजा पट्टी में जारी इजरायल-हमास युद्ध के बीच अब इजरायल के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव तेजी से बढ़ रहा है. ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से पहले ही फिलिस्तीन को मान्यता देने के संकेत दिए जा चुके हैं और अब 14 देशों के एक गुट ने संयुक्त रूप से मोर्चा खोल दिया है. इन देशों ने साफ तौर पर कहा है कि अगर गाजा में इजरायल द्वारा की जा रही सैन्य कार्रवाई नहीं रुकी, तो वे फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देंगे.
ये प्रस्ताव आगामी सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किया जाएगा. इस गुट में एंडोरा, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड, फ्रांस, आइसलैंड, आयरलैंड, लग्जमबर्ग, माल्टा, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, सान मारिनो, स्लोवेनिया और स्पेन जैसे देश शामिल हैं.
साझा बयान में दी बड़ी चेतावनी
इन देशों के विदेश मंत्रियों ने एक साझा बयान जारी करते हुए कहा कि वे फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने की दिशा में गंभीरता से विचार कर रहे हैं. फ्रांस के विदेश मंत्री जीन नोएल बैरट ने इस पत्र को अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया और बताया कि इस पहल में अन्य देशों को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है.
हमास की बंधकों की रिहाई की मांग
पत्र में लिखा गया है- हम 7 अक्टूबर 2023 के हमले की कड़ी निंदा करते हैं. हमास को चाहिए कि वह अब तक बंधक बनाए गए लोगों को तुरंत रिहा करे. इसके साथ ही, ये भी कहा गया कि वेस्ट बैंक और गाजा को मिलाकर फिलिस्तीन को एक पूर्ण राष्ट्र के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए.
टू-स्टेट सॉल्यूशन की वकालत
इन देशों ने टू-नेशन सॉल्यूशन का समर्थन करते हुए कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष का समाधान तभी संभव है, जब दोनों को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिले. हम सभी 14 देश इस प्रस्ताव पर सहमत हैं और उम्मीद करते हैं कि इससे स्थायी शांति की दिशा में ठोस पहल होगी.
मानवीय संकट पर जताई चिंता
पत्र में आगे कहा गया है कि गाजा में जिस तरह से नागरिक मारे जा रहे हैं और वहां एक गहरा मानवीय संकट पैदा हो गया है, उसमें संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है. हम इजरायल के साथ अपने संबंध सुधारना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि युद्ध तुरंत रोका जाए और सभी पक्ष वार्ता की मेज पर लौटें.
समझौते से पहले हमले रोके इजरायल
साझा पत्र में यह भी लिखा गया कि हम चाहते हैं कि फिलिस्तीन के राजनीतिक भविष्य को लेकर कोई भी समाधान शांति और समझौते के जरिए निकाला जाए. लेकिन इससे पहले इजरायल को अपने हमले रोकने होंगे ताकि दोनों पक्ष बातचीत की प्रक्रिया में शामिल हो सकें.


