यूक्रेन को रूस पर हमला करना पड़ेगा भारी? पुतिन ने ट्रंप को दी चेतावनी
रूस पर ड्रोन हमले के बाद ट्रंप और पुतिन के बीच एक घंटे से अधिक बातचीत हुई. पुतिन ने यूक्रेन को जवाब देने की बात कही. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध और ईरान के परमाणु मुद्दे पर भी चर्चा की. ट्रंप की पोस्ट से रूसी जवाबी हमले की आशंका बढ़ी.

डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में एक अहम बातचीत हुई, जो ड्रोन अटैक के बाद दोनों नेताओं की पहली प्रत्यक्ष चर्चा मानी जा रही है. यह बातचीत एक घंटे से भी अधिक समय तक चली और इसका खुलासा खुद ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर किया. ट्रंप ने दावा किया कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें स्पष्ट शब्दों में बताया कि यूक्रेन द्वारा किए गए हालिया ड्रोन हमलों का जवाब रूस निश्चित तौर पर देगा.
ट्रंप के अनुसार, पुतिन ने रूस के डॉकयार्ड्स में खड़े विमानों पर यूक्रेन द्वारा किए गए हमलों को लेकर कड़ा संदेश दिया. पुतिन का कहना था कि रूस इन हमलों को किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं कर सकता. ट्रंप ने लिखा कि पुतिन ने उन्हें चेताया है कि आने वाले दिनों में रूस इन हमलों का जवाब जरूर देगा और यह कार्रवाई बड़ी भी हो सकती है.
पुतिन ने कहा- यूक्रेन के हमले बर्दाश्त नहीं
ट्रंप का यह बयान इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में उन्होंने पुतिन को "आग से खेलने वाला नेता" कहा था. ऐसे में अब जब पुतिन ने खुद भविष्य की आक्रामक कार्रवाई की संभावना जताई है, तो माना जा रहा है कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश भी इस जवाबी हमले को रोकने की स्थिति में नहीं होंगे.
युद्धविराम की संभावना फिलहाल नहीं
ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि उनकी और पुतिन की बातचीत सकारात्मक थी, लेकिन इससे तुरंत किसी शांति समझौते की उम्मीद नहीं की जा सकती. दोनों पक्षों के बीच जारी हमलों और तीखे बयानों को देखते हुए फिलहाल युद्धविराम की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है. रूस की ओर से यूक्रेन पर मिसाइल या हवाई हमलों की आशंका अब और बढ़ गई है.
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी चर्चा
इस बातचीत में ईरान का मसला भी प्रमुख रूप से उठा. दोनों नेताओं ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर विचार-विमर्श किया. पुतिन और ट्रंप इस बात को लेकर चिंतित दिखे कि ईरान खुले तौर पर यूरेनियम के भंडार को बढ़ा रहा है. हालांकि ईरान का दावा है कि वह केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु तकनीक में प्रगति कर रहा है, मगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसके इरादों पर शक है.
गौरतलब है कि ईरान पहले ही अमेरिका के परमाणु समझौते के प्रस्ताव को खारिज कर चुका है और खामनेई ने भी साफ कर दिया है कि तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाता रहेगा. ऐसे में पश्चिम एशिया में भी तनाव और बढ़ सकता है.
ट्रंप और पुतिन की यह बातचीत
ट्रंप और पुतिन की यह बातचीत जहां यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर नई चेतावनियों से भरी थी, वहीं ईरान का मुद्दा एक और भू-राजनीतिक तनाव का संकेत देता है. आने वाले समय में यूक्रेन पर रूसी हमला तेज हो सकता है और वैश्विक कूटनीति एक बार फिर बड़े इम्तहान से गुजर सकती है.


