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जेलेंस्की की दो टूक: शांति समझौते पर पुतिन से तभी होगी बात, ट्रंप को नहीं बनने देंगे युद्ध के 'चाचा'

Russia Ukraine war:तुर्की के इस्तांबुल में शांति  वार्ता की जमीन तैयार हो रही है, लेकिन क्या जेलेस्की और पुतिन आमने-सामने बैठेंगे. यह अभी भी सवालों के घेरे में हैं. दोनों पक्षों की शर्तों और वैश्विक दबाव इस संभावित मुलकात को उलझा रहे हैं.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को तीन साल से ज्यादा वक्त गुजर चुका है, लेकिन शांति की कोई ठोस सूरत अभी तक सामने नहीं आई है. ऐसे में उम्मीदों की  एक नई किरण बनकर उभरा 'मिशन इस्तांबुल'. तुर्की के इस शहर में एक संभावित बैठक की तैयारियां की जा रही हैं, जिससे यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आमने-सामने आ सकते हैं. हालांकि अभी इस बैठक को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ. 

इस बैठक का प्रस्ताव खुद रूस की ओर से आया है, लेकिन पुतिन की इसमें शिरकत को लेकर संदेह बना हुआ है. वहीं, जेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि अगर बातचीत होगी तो सिर्फ पुतिन से, किसी अन्य रूसी प्रतिनिधि से नहीं. इससे यह संकेत मिल रहा है कि जेलेंस्की अब 'सम्मानजनक शांति' के लिए किसी भी तरह का दिखावटी संवाद नहीं चाहते. इसी क्रम में उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी दो स्पष्ट संदेश दिए हैं.

मेसेज नंबर 1: बात सिर्फ पुतिन से होगी

डोनाल्ड ट्रंप की अपील के बाद जेलेंस्की ने यह जरूर कहा कि वह तुर्की जाएंगे, चाहे पुतिन आएं या नहीं. वह राजधानी अंकारा में राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन से मुलाकात करेंगे, लेकिन यदि पुतिन इस्तांबुल पहुंचते हैं तो वह तुरंत वहां जाने को तैयार हैं. इसका सीधा संकेत यह है कि अब बात सिर्फ और सिर्फ सीधे पुतिन से होगी. किसी मध्यस्थ या दलाल की कोई जरूरत नहीं. इस रुख से ट्रंप को यह संदेश दिया गया है कि वे 'गाजा से यूक्रेन तक के चौधरी' बनने की कोशिश बंद करें. जेलेंस्की अब उन्हें किनारे रखकर सीधे मुख्य खिलाड़ी से बात करना चाहते हैं.

मेसेज नंबर 2: हमें अब भी पहचानिए

जेलेंस्की ने कीव में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि शांति की राह तभी साफ होगी जब डोनाल्ड ट्रंप समझेंगे कि असली अड़ंगा पुतिन हैं. उन्होंने दो टूक कहा, "ट्रंप को यह मानना होगा कि पुतिन बार-बार झूठ बोलते हैं. अगर हम सही दिशा में बढ़ना चाहते हैं तो यह पहचानना जरूरी है कि हम शांति प्रक्रिया को नहीं रोक रहे."

जेलेंसकी ने ट्रंप को फिर दिखाई जमीन की हकीकत

याद रहे कि ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में यूक्रेन और नायो सहयोगियों को नजरअंदाज कर रूस के साथ एकतरफा शांदि डील करने की कोशिश की थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. अब जेलेस्की उन्हें याद दिला रहे हैं कि असली शांति के लिए जमीन हकीकत को पहचानिए-कौन वाकई में शांति चाहता है और कौन सिर्फ सत्ता की चालें चल रहा है. 

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14 May 2025, 03:41 PM IST

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