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गणेश चतुर्थी 2025 स्थापना मुहूर्त: 27 अगस्त को गणपति को घर लाने का सबसे अच्छा समय

गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी. इस दिन भक्त विघ्नहर्ता गणपति की स्थापना कर विधिवत पूजा करते हैं. द्रिक पंचांग अनुसार शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 से दोपहर 01:40 तक रहेगा. यह पर्व महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में 10 दिनों तक गणेशोत्सव के रूप में मनाया जाता है और अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के साथ संपन्न होता है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है, जिसे विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. हर साल यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पावन दिन 27 अगस्त 2025 बुधवार को मनाया जाएगा. माना जाता है कि इसी दिन माता पार्वती के पुत्र गणेशजी का जन्म हुआ था.

क्या है मान्यता?

हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है. इसी कारण किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से की जाती है. गणेश चतुर्थी के दिन भक्त अपने घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की स्थापना पूरे विधि-विधान से उनका पूजन-अर्चन करते हैं.

पूजा का शुभ मुहूर्त

धार्मिक ग्रंथों और द्रिक पंचांग के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था. इसलिए गणेश चतुर्थी की पूजा इसी समय करना सबसे शुभ माना जाता है.

चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025 को दोपहर 03:44 बजे

गणेश स्थापना और पूजन का शुभ समय: 27 अगस्त 2025 को सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक

इस अवधि में भक्त षोडशोपचार गणपति पूजा करते हैं, जिसमें भगवान गणेश को 16 विशेष वस्तुओं से अर्चित किया जाता है.

गणेशोत्सव की अवधि

भारत के कई हिस्सों में गणेश चतुर्थी केवल एक दिन के लिए मनाई जाती है. लेकिन महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है, जिसे गणेशोत्सव कहा जाता है. इन दिनों भक्त प्रतिदिन भजन, आरती और पूजा के साथ गणेशजी की सेवा करते हैं.

गणेश विसर्जन की परंपरा

गणेशोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है. इस दिन श्रद्धालु बड़ी धूमधाम से गणेश जी की मूर्ति को शोभायात्रा के साथ तालाब, नदी या समुद्र में विसर्जित करते हैं. इस अवसर पर "गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ" के जयकारे गूंजते हैं. विसर्जन का यह उत्सव भक्तों की भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम होता है.

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26 August 2025, 07:19 PM IST

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