क्या आपके किचन में भी यूज होते हैं अल्यूमिनियम के बर्तन, इनके नुकसान जान लीजिए

अगर आपकी किचन में भी कुछ बर्तन अल्यूमिनियम के हैं तो इस खबर को पढ़ना जरूरी हो जाता है। अल्यूमिनियम के बर्तन में खाना पकाना सेहत की नजर से कितना नुकसानदेय है, यहां जानिए।

Vineeta Vashisth
Vineeta Vashisth

आम भारतीयों की तरह लगभग हर किचन में आपको तरह तरह के बर्तन दिख जाएंगे क्योंकि खाना बनाने के लिए बर्तन जरूरी होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि आपके घर की किचन में अल्यूमिनियम के कितने बर्तन है। दरअसल अल्यूमिनियम के बर्तन में खाना पकाना सेहत की नजर से हानिकारक कहा गया है और अधिकांश लोगों को अल्यूमिनियम के बर्तन के नुकसान पता नहीं होते हैं और इस गफलत में लोग अल्यूमिनियम के बर्तन में खाना पकाते रहते हैं। स्टडी कहती है कि भारत में करीब साठ फीसदी किचन में अल्यूमिनियम के बर्तन ज्यादा इस्तेमाल होते हैं। चलिए आज बात करते हैं कि क्या अल्यूमिनियम के बर्तन में खाना पकाना हानिकारक होता है और अल्यूमिनियम के बर्तन में खाना पकाने के क्या क्या नुकसान आपकी सेहत को हो सकते हैं। 

अल्यूमिनियम के बर्तन में भोजन पकाने से क्या होता है - 

NCBI की रिपोर्ट कहती है कि अल्यूमिनियम के बर्तन में खाना पकाना इसलिए जानलेवा हो सकता है क्योंकि इन बर्तनों में खाना जैसे ही गर्म होता है, इसकी गर्मी में अल्यूमिनियम के पार्ट्स भी भोजन में घुल जाते हैं। इससे अल्यूमिनियम की धातु शरीर में जाकर शरीर को नुकसान पहुंचाती है। देखा जाए तो एक वयस्क दिनभर  में  0.01-1% अल्यूमिनियम का सेवन करे तो ये सामान्य हो सकता है लेकिन इससे ज्यादा मात्रा में  अल्यूमिनियम शरीर में जाए तो कई तरह की गंभीर बीमारियां शरीर को हो सकती हैं। इन बीमारियों में जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, आंखों से संबंधित बीमारियां, डायरिया, खट्टी डकार, किडनी पर बुरा असर, लिवर फेल, कोलाइटिस और एग्जिमा आदि शामिल हैं।

एक्सपर्ट कहते हैं कि जब अल्यूमिनियम हीट होता है तो उसके पार्ट्स बर्तन से छूटकर खाने में चले जाते हैं जिससे एनीमिया, अल्जाइमर, डिमेंशिया और ऑस्टो मलासिया जैसी बीमारियां शरीर को जकड़ सकती हैं। 

इतन ही नहीं एल्यूमिनियम के बर्तन के जरिए जब ये धातु हमारे शरीर में प्रवेश करती है तो  बॉडी सेल्स में जम जाती है जिससे टिश्यूज के कामकाज पर बुरा असर पड़ता है। इसके ज्यादा सेवन से लिवर और किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है और उनकी कार्यक्षमता कमजोर होने लगती है। कई बार बहुत ज्यादा अल्यूमिनियम पेट में जाने पर लिवर संक्रमित हो जाता है और किडनी तक फेल हो सकती है।

आपको बता दें कि ज्यादा अल्यूमिनियम अगर पेट में जाता है तो ये शरीर में जरूरी खनिज लिंक के स्तर को कम कर देता है जिससे हड्डियां और दिमाग कमजोर होते हैं। दिमाग पर इस धातु का असर पड़ता है तो याद्दाश्त कमजोर होने की बीमारी जैसे डिमेंशिया और अल्जाइमर होने के खतरे बढ़ जाते हैं। 

इसके साथ ही ज्यादा अल्यूमिनियम का प्रयोग करने पर व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता पर असर होता है और वो कमजोर होती है जिससे बैक्टीरिया और मौसमी बीमारियां शरीर पर हमला करके शरीर को बहुत कमजोर कर डालती हैं। 

अल्यूमिनियम के बर्तन में ना पकाएं खट्टी चीजें - 

हैल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि इस बात का खास ध्यान रखा जाना चाहिए कि अल्यूमिनियम के बर्तन में खट्टा भोजन ना पकाया जाए। अगर आप   अल्यूमिनियम के बर्तन में टमाटर, नींबू, छाछ और अन्य खट्टी चीजों का  भोजन बनाते हैं तो एसिडिट प्रभाव में आकर अल्यूमिनियम के बर्तन में धातु रिएक्ट करती है और अल्यूमिनियम धातु का आयोनाइजेशन होने लगता है और ये धातु भोजन में घुल जाती है और शरीर में पहुंच जाती है। इससे बाहरी सेहत को तो नुकसान होती है साथ ही लिवर और अन्य अंदरूरी कार्यक्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। 

इसका विकल्प क्या है
अगर आपको अल्यूमिनियम के बर्तन में खाना पकाना है तो ये तय कर लें कि आपके घर में एंटी स्क्रैच एनोडाइज्ड एल्यूमीनियम के बर्तन ही होने चाहिए। इसमें अल्यूमिनियम के बर्तन पर एक खास कोटिंग लगी होती है जो अल्यूमिनियम को भोजन में घुलने से रोकती है। 

अल्यूमिनियम के बर्तन में क्या क्या ना पकाएं
अल्यूमिनियम के बर्तन में खट्टे भोजन के साथ साथ दूध नहीं उबालना चाहिए, चाय नहीं बनानी चाहिए। टमाटर की सब्जी, टमाटर प्यूरी, कढ़ी, सांभर, चटनी और सूप आदि नहीं बनाना चाहिए।

calender
12 April 2023, 05:13 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो