Liver Cirrhosis: एक खतरनाक बीमारी जो धीरे-धीरे आपके लीवर को करता है नष्ट – जानें इसके लक्षण और बचाव के आसान तरीके!
लीवर सिरोसिस एक खतरनाक बीमारी है जो धीरे-धीरे लीवर को नुकसान पहुंचाती है. समय रहते इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन लापरवाही से यह लीवर फेल्योर और कैंसर का कारण बन सकती है. जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके, ताकि आप इस बीमारी से बच सकें. पूरी जानकारी के लिए पढ़ें खबर!

Liver Cirrhosis: लीवर सिरोसिस एक ऐसी बीमारी है जो लीवर के खराब होने और उसके काम करने की क्षमता में गिरावट का कारण बनती है. यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर को प्रभावित करती है और इसका असर जीवन पर भी पड़ सकता है.
इसमें लीवर की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और लीवर का आकार सिकुड़ने लगता है, जिससे वह अपना काम ठीक से नहीं कर पाता. लीवर का काम शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालना और पोषक तत्वों को सही तरीके से पचाना होता है, लेकिन सिरोसिस के कारण ये सब कार्य प्रभावित होते हैं.
लीवर सिरोसिस के कारण
लीवर सिरोसिस के कई कारण हो सकते हैं. सबसे आम कारण शराब का अत्यधिक सेवन, वायरल हेपेटाइटिस (एचवी या हेपेटाइटिस बी और सी), मोटापा, और अन्य कुछ बीमारी हैं जो लीवर को नुकसान पहुंचाती हैं. इसके अलावा, आनुवांशिक कारणों, कुछ दवाइयों के अधिक सेवन और वंशानुगत बीमारियों का भी इसके विकास में योगदान हो सकता है.
जब लीवर में सिरोसिस होता है, तो लीवर की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं की जगह पर घाव (स्कार) बनने लगते हैं. यह प्रक्रिया बहुत धीरे-धीरे होती है और शुरुआती चरणों में इसके लक्षण दिखायी नहीं देते, लेकिन जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती है, तब लक्षण साफ़ नजर आने लगते हैं.
लीवर सिरोसिस के लक्षण
लीवर सिरोसिस के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और इनका असर शरीर के कई अंगों पर पड़ता है.
- थकान और कमजोरी – मरीज को जल्दी थकान महसूस होती है और सामान्य गतिविधियों को भी करने में परेशानी होती है.
- पेट में सूजन – लीवर के काम करने में दिक्कत होने से पेट में सूजन और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
- त्वचा और आंखों का पीला होना – यह जॉन्डिस (पीलिया) के रूप में दिखाई देता है, जब लीवर बाइल (पित्त) को सही से प्रोसेस नहीं कर पाता.
- आंखों और पेट में रक्तस्त्राव – सिरोसिस के कारण रक्त वाहिकाओं में दबाव बढ़ जाता है, जिससे आंतों और पेट में रक्तस्त्राव हो सकता है.
- मनोवैज्ञानिक समस्याएं – मरीज को मानसिक समस्याओं का सामना भी हो सकता है, जैसे कन्फ्यूजन और शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है.
- मांसपेशियों में सिकुड़न – शरीर के मांसपेशियों में कमजोरी और सिकुड़न महसूस होती है.
- आंतों में सूजन और असमय वजन घटना – यह भी एक आम लक्षण हो सकता है, जिससे शरीर में पोषण की कमी हो जाती है.
लीवर सिरोसिस का इलाज
लीवर सिरोसिस का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं होता, लेकिन इसे नियंत्रित जरूर किया जा सकता है. यदि सिरोसिस के शुरुआती चरणों में सही इलाज मिल जाए, तो लीवर को और अधिक नुकसान होने से बचाया जा सकता है. इलाज में मुख्यत: निम्नलिखित उपाय शामिल होते हैं:
शराब और धूम्रपान से बचाव: यदि शराब या धूम्रपान सिरोसिस का कारण है, तो सबसे पहले इनसे बचना सबसे जरूरी होता है.
दवाइयां: सिरोसिस के विभिन्न लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाइयां दी जा सकती हैं. जैसे कि पित्त और टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने के लिए दवाइयां.
सर्जरी: अगर लीवर की स्थिति गंभीर हो जाती है तो लिवर ट्रांसप्लांट का विकल्प भी सुझाया जा सकता है.
लीवर सिरोसिस के खतरे और सावधानियां
अगर लीवर सिरोसिस का समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह और भी गंभीर रूप ले सकता है, जैसे कि लीवर फेल्योर (लीवर का काम करना बंद कर देना) और लीवर कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है. इसलिए इस बीमारी के प्रति जागरूकता और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है.
समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप: अगर आप शराब पीते हैं या अन्य कारणों से लीवर की समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो नियमित चेकअप करवाना जरूरी है.
संतुलित आहार: हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम से लीवर के स्वास्थ्य को ठीक रखा जा सकता है.
व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना: लीवर को बचाने के लिए साफ और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद आवश्यक है.


