नमक, चीनी और तेल: रोजाना कितना खाएं? जानें एक्सपर्ट क्या कहते हैं
भारतीय रसोई में चीनी, नमक और तेल के बिना खाना अधूरा लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, ये स्वादिष्ट प्रदार्थ सेहत के लिए खतरा बन सकती है? ज्यादा चीनी, नमक और तेल मोटापा, हाई बीपी, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियों को न्योता दे सकते हैं. समझदारी से अगर इनका इस्तेमाल नही किया जाए तो.

Sugar Salt Oil Intake: भारतीय रसोई में चीनी, नमक और तेल का उपयोग न सिर्फ आम है, बल्कि इनके बिना खाना अधूरा माना जाता है. चाहे घर का खाना हो या ऑफिस का स्नैक, तली-भुनी चीज़ें, मीठे और नमकीन व्यंजन रोज की आदत बन चुके हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह आदत हमारी सेहत के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो चीनी, नमक और तेल की अधिक मात्रा धीरे-धीरे शरीर में ऐसे रोगों को जन्म देती है, जो जानलेवा भी हो सकते हैं. मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियां इन्हीं आदतों से जन्म लेती हैं. ऐसे में जरूरत है इनका सीमित और समझदारी से इस्तेमाल करने की. WHO की सिफारिश है कि कुल कैलोरी का सिर्फ 5-10% हिस्सा ही ‘फ्री शुगर’ से आना चाहिए. वहीं, ICMR-NIN के अनुसार, एक व्यक्ती को रोजाना 25 ग्राम (5-6 चम्मच) से अधिक चीनी नहीं लेनी चाहिए.
अधिक चीनी के नुकसान
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शरीर में फैट और वजन बढ़ना
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इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप-2 डायबिटीज
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हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा
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दांतों में सड़न और कैविटी
नमक: स्वाद बढ़ाने वाला, सेहत बिगाड़ने वाला
नमक के बिना भोजन फीका लगता है, लेकिन इसकी अधिकता किडनी, हृदय और लिवर पर सीधा असर डालती है. WHO और ICMR की गाइडलाइन के अनुसार, 5 ग्राम (1 चम्मच से कम) नमक ही प्रतिदिन खाना चाहिए.
अधिक नमक के नुकसान
हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्ट्रोक, किडनी फेल्योर का खतरा. विशेषज्ञों के अनुसार समुद्री इलाकों में पानी और भोजन में पहले से नमक होता है, इसलिए वहां अतिरिक्त नमक न लें. साथ ही, बेकिंग पाउडर और सोडा में भी छुपा सोडियम होता है, जिससे सतर्क रहना चाहिए.
तेल की सही मात्रा
तेल खाना पकाने का अहम हिस्सा है, लेकिन इसकी सही मात्रा का पालन बेहद जरूरी है. ICMR और FSSAI के अनुसार, रोजाना 25-30 ग्राम (6 चम्मच) से अधिक तेल नहीं लेना चाहिए.
अधिक तेल के नुकसान
कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, हृदय की बीमारियां, मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज. एक्सपर्ट कहते है कि बदलती जीवनशैली में नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज का सबसे बड़ा कारण खराब खान-पान है. चीनी और फैट को सीमित करना और फाइबर, फल-सब्जियों का सेवन बढ़ाना जरूरी है.
एक्सपर्ट की सलाह
राइस ब्रान ऑयल और देसी घी जैसे हेल्दी फैट्स का सीमित मात्रा में सेवन करें. डीप फ्राई से बचें, क्योंकि अत्यधिक तापमान तेल को कैंसरकारी यौगिकों में बदल सकता है.
चीनी, नमक और तेल ये तीनों हमारी थाली का अहम हिस्सा हैं, लेकिन इनका संतुलन ही आपकी लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है. स्वाद के चक्कर में सेहत को नजरअंदाज न करें. आज थोड़ी सावधानी, कल बड़े खतरे से बचा सकती है.


