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बार-बार आईना देखने की आदत है तो हो जाएं सावधान ...' खतरनाक मानसिक बीमारी के हो सकते है शिकार, जानिए कैसे बचें!'

अगर आप भी दिनभर में कई बार आईने में अपनी शक्ल देखने की आदत रखते हैं, तो ये आदत आपको एक खतरनाक मानसिक बीमारी 'बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर' का शिकार बना सकती है. इस बीमारी में लोग अपनी शारीरिक दिखावट को लेकर परेशान रहते हैं और बार-बार अपनी कमियों को ढूंढते रहते हैं. कई बार यह विकार इतना गंभीर हो जाता है कि लोग प्लास्टिक सर्जरी तक करवा लेते हैं. जानिए इस बीमारी से जुड़ी और भी हैरान कर देने वाली बातें और कैसे यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है.

Aprajita
Edited By: Aprajita

Mirror Effect: आजकल सोशल मीडिया और हमारे आसपास के लोग अक्सर अपने लुक्स पर ध्यान देते हैं, लेकिन अगर आप भी बार-बार आईने में देख रहे हैं, तो यह सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि एक गंभीर मानसिक बीमारी का हिस्सा हो सकता है. इस बीमारी का नाम है "बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD)" और यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.

आईना देखने की आदत से जुड़ी एक मानसिक बीमारी

अगर आप दिनभर में कई बार आईने में देखते हैं और अपनी खामियां ढूंढने की कोशिश करते हैं, तो यह बीडीडी (BDD) से संबंधित हो सकता है. इस बीमारी में लोग अपनी शारीरिक दिखावट को लेकर तनाव महसूस करते हैं और बार-बार आईने में जाकर अपनी त्वचा, बाल या शरीर की किसी न किसी चीज को सुधारने की कोशिश करते हैं.

मनोविज्ञान से जुड़ी बातें

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. एसए आज़मी के अनुसार, बार-बार आईने में देखना ओसीडी (Obsessive Compulsive Disorder) स्पेक्ट्रम विकार से संबंधित हो सकता है. इसमें लोग अपने शरीर की किसी न किसी छोटी सी कमी को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं. कुछ लोग अपनी त्वचा को बार-बार खींचते हैं या बालों को रगड़ते हैं. ऐसे लोग समाज से अलग-थलग पड़ने लगते हैं और खुद को दूसरों से कमतर समझते हैं.

मानसिक स्वास्थ्य पर असर

बार-बार आईने में देखना मानसिक बीमारी का रूप ले सकता है, क्योंकि इससे नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति अपने शरीर की हर छोटी-बड़ी कमी को देखकर चिंता करने लगता है, जिससे उसका आत्मविश्वास कम होता है. धीरे-धीरे, व्यक्ति स्कूल या कॉलेज नहीं जाना चाहता, पार्टियों में शामिल नहीं होता और खुद को दोस्तों और परिवार से दूर करने लगता है. यह विकार इतनी गंभीर स्थिति में पहुंच सकता है कि लोग प्लास्टिक सर्जरी जैसे उपायों का सहारा भी लेते हैं.

भारत में बढ़ता यह विकार

गेस्टेटिक के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 10 लाख लोग इस बीमारी से प्रभावित होते हैं. यह आंकड़ा गंभीर है और हमें इस मानसिक विकार के प्रति जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि लोग समय रहते इस बीमारी का इलाज करवा सकें और अपना मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बना सकें.

अगर आप भी खुद को आईने में बार-बार देख कर चिंतित महसूस करते हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें. यह मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक गंभीर समस्या हो सकती है, और इसके इलाज के लिए एक विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है. मानसिक बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सही समय पर इलाज करवाने से हम इस विकार का सामना कर सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं.

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03 February 2025, 09:05 PM IST

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