ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठने से सेहत को मिलते हैं अद्भुत लाभ, फायदे जान छोड़ देंगे समय से बिस्तर
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि हमें सूर्य की पहली किरण धरती पर आने से पहले ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए. इससे न केवल मानसिक स्थिति बेहतर होती है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहता है. सुबह 4 से 5 बजे के बीच का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है, जिसे बहुत शांतिपूर्ण और लाभकारी माना जाता है.

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि हमें सूर्य की पहली किरण धरती पर आने से पहले ही बिस्तर छोड़ देना चाहिए. इससे न केवल मानसिक स्थिति बेहतर होती है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहता है. सुबह 4 से 5 बजे के बीच का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है, जिसे बहुत शांतिपूर्ण और लाभकारी माना जाता है. इस समय का उपयोग शरीर और मन की सेहत के लिए कई लाभकारी उपायों को अपनाने में किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सेहत को क्या फायदे होते हैं.
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
आयुर्वेद के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में उठने से शरीर के त्रिदोष—वात, पित्त और कफ—का संतुलन बना रहता है. ये तीन दोष हमारे शरीर के सामान्य स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. यदि आप इस समय जागते हैं, तो ये त्रिदोष संतुलित रहते हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.
पूरे दिन ऊर्जा का संचार
इसके अलावा, ब्रह्म मुहूर्त में उठने से पूरे दिन ऊर्जा का संचार होता है. यह समय आपके शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे आप दिन भर सक्रिय और उत्पादक रहते हैं. इससे आपकी कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है और आप दूसरों की तुलना में अधिक काम कर सकते हैं.
साथ ही, ब्रह्म मुहूर्त में उठने से हार्मोनल बैलेंस भी बेहतर रहता है. यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सामंजस्य बनाए रखने में मदद करता है. विशेषकर, महिलाओं को हार्मोन से जुड़ी समस्याओं के लिए इस समय जागना बेहद फायदेमंद होता है.


