score Card

चिताओं की राख, नरमुंड की माला और हड्डियां...काशी में शुरू हुई मसान होली, जानिए खासियत

उत्तरप्रदेश के वाराणसी में होली रंग और गुलाल से नहीं बल्कि चिताओं की राख से खेली जाती है. काशी की इस होली को मसान की होली या मसान होली के नाम से जाना जाता है. बनारस के हरिश्चंद्र घाट पर महाश्मशान नाथ की आरती के बाद 'मसान की होली' शुरू हो गई है. सड़कों पर ढोल-नगाड़े पर लोग नाच रहे हैं. तो चलिए इस होली की खासियत के बारे में जानते हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

वरणसी की मसान होली एक अनोखी और धार्मिक परंपरा है, जो हर साल भक्तों और संतों के बीच मनाई जाती है. इस होली में रंगों और गुलाल की बजाय श्मशान की राख से खेला जाता है, जो कि काशी की सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिकता को दर्शाता है. इस साल, मसान होली आज यानी 11 मार्च 2025 को मनाई जाएगी, जो मनिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर आयोजित होगी.  

मसान होली वरणसी की एक ऐसी होली है, जिसे केवल इस शहर में ही अनूठे तरीके से मनाया जाता है. इस दिन, हरिश्चंद्र घाट पर महाश्मशन नाथ की आरती के बाद संत और शिव भक्त राख से होली खेलते हैं. यह पारंपरिक होली भगवान शिव की उपासना और मृत्यु के चक्र की अनूठी पहचान है.

मसान होली का महत्व  

मसान होली वरणसीवासियों के लिए केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है. यह जीवन के अस्थायित्व और जन्म-मृत्यु के चक्रीय स्वरूप को दर्शाता है. श्मशान की राख का उपयोग इस बात का प्रतीक है कि जीवन एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें मृत्यु और पुनर्जन्म का अनवरत सिलसिला चलता रहता है. राख से होली खेलना आत्मिक शुद्धि और मानसिक शांति का प्रतीक माना जाता है.

इसके अलावा, मसान होली सामूहिक एकता और भाईचारे का संदेश भी देती है. इस दिन सभी लोग चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति से हों, एक साथ मिलकर होली खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं. यह परंपरा एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देती है.  

क्यों खेलते हैं राख से होली?  

कहा जाता है कि श्मशान की राख से होली खेलने का धार्मिक महत्व है. इस राख को शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि के लिए प्रयोग किया जाता है. जब लोग एक-दूसरे पर राख लगाते हैं, तो वे न केवल बाहरी गंदगी को दूर करते हैं बल्कि अपने भीतर की नकारात्मकता को भी खत्म करते हैं. इस दिन, लोग इस विश्वास के साथ राख से होली खेलते हैं कि इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसके अलावा, राख के प्रयोग से जीवन की अस्थिरता और मृत्यु के बाद के चक्र का एहसास होता है. यह होली धार्मिक आस्था और जीवन के प्रकृति को समझने का एक तरीका है.  

मासन होली कब मनाई जाएगी?  

इस साल, मासन होली 11 मार्च 2025 को वरणसी में मनाई जाएगी. यह होली का पर्व रंगभरी एकादशी से शुरू होकर 6 दिनों तक चलता है. मसान होली रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन मनाई जाती है. इस दिन, हरिश्चंद्र घाट और मनिकर्णिका घाट पर शिव भक्त और संत राख से होली खेलते हैं, मान्यता है कि भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. जनभावना टाइमस इसका सत्यापन नहीं करता है.

calender
11 March 2025, 09:00 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag