Kavita: आगही में इक ख़ला मौजूद है | अब्दुल हमीद 'अदम'

आगही में इक ख़ला मौजूद है। अब्दुल हमीद 'अदम'

Sagar Dwivedi
Sagar Dwivedi

आगही में इक ख़ला मौजूद है

इस का मतलब है ख़ुदा मौजूद है

 

है यक़ीनन कुछ मगर वाज़ेह नहीं

आप की आँखों में क्या मौजूद है

 

बाँकपन में और कोई शय नहीं

सादगी की इंतिहा मौजूद है

 

है मुकम्मल बादशाही की दलील

घर में गर इक बोरिया मौजूद है

 

शौक़िया कोई नहीं होता ग़लत

इस में कुछ तेरी रज़ा मौजूद है

 

इस लिए तनहा हूँ मैं गर्म-ए-सफ़र

क़ाफ़िले में रह-नुमा मौजूद है

 

हर मोहब्बत की बिना है चाशनी

हर लगन में मुद्दआ मौजूद है

 

हर जगह हर शहर हर इक़्लीम में

धूम है उस की जो ना-मौजूद है

 

जिस से छुपना चाहता हूँ मैं'अदम'

वो सितम-गर जा-ब-जा मौजूद है.

calender
29 July 2022, 11:51 AM IST

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