मुस्लिम देश ईरान में भगवान विष्णु का 132 साल पुराना मंदिर, जानिए क्यों हैं खास
ईरान के मुस्लिम बहुल बंदर अब्बास शहर में स्थित भगवान विष्णु का 132 साल पुराना मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता का अनूठा प्रतीक है.

ईरान, जहां शिया मुसलमानों की बहुलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी देश में एक ऐसा प्राचीन मंदिर मौजूद है जो हिंदू संस्कृति और आस्था का जीता-जागता प्रतीक है? जी हां, मुस्लिम बाहुल्य देश ईरान के बंदर अब्बास शहर में भगवान विष्णु का एक ऐतिहासिक मंदिर स्थित है, जो 132 सालों से हिंदुओं की आस्था को संजोए हुए है.
कम आबादी के बावजूद इस देश में हिंदू समुदाय के लिए मंदिर का निर्माण होना ना केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि ये ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. ये मंदिर आज भी भारतीय समुदाय की धार्मिक विरासत को सहेजे हुए है और ईरान के बहुसांस्कृतिक इतिहास का अद्भुत उदाहरण है.
ईरान में भगवान विष्णु का मंदिर
ईरान के दक्षिणी शहर बंदर अब्बास में स्थित ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. इस मंदिर का निर्माण साल 1892 में भारतीय व्यापारियों के सहयोग से कराया गया था. उस समय भारत और ईरान के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत थे और कई भारतीय व्यापारी इस बंदरगाह शहर में व्यापार करते थे. उनके धार्मिक विश्वास को बनाए रखने के उद्देश्य से इस मंदिर की नींव रखी गई.
भारतीय वास्तुकला पर आधारित मंदिर
ये मंदिर पूरी तरह से भारतीय पारंपरिक वास्तुकला पर आधारित है. मंदिर के ऊपर एक सुंदर गुंबद बना हुआ है और इसके अंदर एक केंद्रीय वर्गाकार कक्ष मौजूद है, जो हिंदू मंदिरों की पारंपरिक रचना का प्रतीक है. इस मंदिर को ईरान के ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल किया गया है और यह वहां की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है.
क्यों है ये मंदिर इतना खास?
मुस्लिम बहुल देश में जहां हिंदुओं की आबादी नगण्य है, वहां इस तरह का मंदिर होना अपने आप में एक मिसाल है. यह मंदिर इस बात का प्रमाण है कि ईरान में एक समय बहुसांस्कृतिक सहअस्तित्व की भावना थी और भारत-ईरान के ऐतिहासिक संबंधों में धर्म को लेकर सहिष्णुता भी मौजूद रही है. इस मंदिर का अस्तित्व इस बात का प्रतीक है कि ईरान ने ऐतिहासिक रूप से अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों को स्थान दिया है. स्थानीय प्रशासन और समाज की तरफ से भी मंदिर को संरक्षित करने की दिशा में समय-समय पर पहल की जाती रही है.


