होलिका दहन से घर से नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर, होलिका दहन का शुभ समय
होलिका ने प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाकर जलती आग में प्रवेश किया, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई. यही कारण है कि हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में होलिका दहन किया जाता है.

होलिका दहन 13 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा. मान्यता है कि होलिका दहन से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, इसलिए इसे पूरी श्रद्धा के साथ करना चाहिए. होलिका दहन के अगले दिन लोग रंगों का त्यौहार मनाते हैं, पुराने गिले-शिकवे भूलकर सद्भावना का माहौल बनाते हैं. अपने शहर के लिए होलिका दहन का शुभ समय यहां देखें.
आपके शहर में होलिका दहन का मुहूर्त
लखनऊ - 11:26 PM से 12:15 AM तक
वाराणसी - 11:26 PM से 12:07 AM तक
नोएडा - 11:26 PM से 12:29 AM तक
कानपुर - 11:26 PM से 12:18 AM तक
प्रयागराज- रात 11:26 बजे से 12:12 बजे तक
आगरा - 11:26 PM से 12:27 AM तक
मथुरा - 11:26 PM से 12:28 AM तक
होलिका दहन पूजा विधि
होलिका दहन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. व्रत का संकल्प लेने के बाद पूजा की तैयारी करें. होलिका दहन वाले स्थान को साफ कर लें. होलिका और प्रह्लाद की मूर्तियाँ बनाएँ और भगवान नरसिंह की पूजा करें. शुभ मुहूर्त में होलिका पूजन करें और पवित्र अग्नि में नारियल, हल्दी, सिंदूर, चावल और गेहूँ अर्पित करें.
इसके बाद अपने परिवार के साथ होलिका की तीन बार परिक्रमा करें और पवित्र अग्नि में गुलाल और जल अर्पित करें. होलिका की आग के ठंडा होने के बाद उसकी राख को तिलक के रूप में लगाएं. वास्तु मान्यताओं के अनुसार, आप राख को घर ले जाकर लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रख सकते हैं, इससे धन की प्राप्ति होती है. होलिका दहन के बाद ही भोजन करें.