कैलाश मानसरोवर यात्रा की वापसी, कोविड और चीन सीमा विवाद के बाद राहत की खबर
हर वर्ष होने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा को 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते रोक दिया गया था. उसके बाद भारत-चीन सीमा तनाव के कारण इसे फिर से शुरू नहीं किया जा सका. अब यात्रा शुरू होने को लेकर अपडेट आ चुकी है.

कैलाश मानसरोवर यात्रा, कोविड-19 महामारी और भारत-चीन सीमा तनाव के चलते पिछले कुछ वर्षों से स्थगित थी. अब वर्ष 2025 में दोबारा शुरू होने जा रही है. विदेश मंत्रालय ने हाल ही में इस बारे में आधिकारिक जानकारी साझा की है. मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा जून से अगस्त 2025 के बीच आयोजित की जाएगी.
तीर्थयात्रा दो मार्गों से करवाई जाएगी
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस बार तीर्थयात्रा दो मार्गों से करवाई जाएगी. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित लिपुलेख दर्रे और सिक्किम राज्य में नाथू ला दर्रे के माध्यम से. लिपुलेख दर्रा समुद्र तल से लगभग 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यात्रा का एक पारंपरिक मार्ग रहा है.
इस वर्ष की यात्रा योजना के अनुसार, कुल 15 बैच भेजे जाएंगे. लिपुलेख मार्ग से 5 बैच भेजे जाएंगे, जिनमें प्रत्येक में 50 यात्री होंगे. वहीं, नाथू ला दर्रे से यात्रा करने के लिए 10 बैच निर्धारित किए गए हैं, जिनमें भी प्रत्येक बैच में 50 यात्री शामिल होंगे.
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू
यात्रा के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू कर दी गई है और इच्छुक यात्री [kmy.gov.in](http://kmy.gov.in) पर आवेदन कर सकते हैं. यात्रियों का चयन पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत, निष्पक्ष और लिंग-संतुलित प्रणाली के तहत किया जाएगा. चयन प्रक्रिया कंप्यूटर द्वारा यादृच्छिक ढंग से की जाएगी.
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यात्रा से जुड़ी पूरी प्रक्रिया, जैसे आवेदन, चयन और जानकारी प्रदान करना, वर्ष 2015 से ही पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है. इसलिए आवेदकों को पत्र या फैक्स भेजने की आवश्यकता नहीं है. वेबसाइट पर ‘फीडबैक’ विकल्प भी मौजूद है, जहां यात्री सूचना प्राप्त कर सकते हैं, अपनी टिप्पणियाँ दर्ज कर सकते हैं या कोई सुझाव दे सकते हैं. तीर्थयात्रियों के लिए यह यात्रा आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है और अब इसकी बहाली से हजारों श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी.


