कुंडली में मंगल की स्थिति कैसे करें जांच, जानिए मजबूत या कमजोर होने के संकेत
आपकी कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर है या मजबूत, यह ज्योतिषी ही जन्मकुंडली के गहरे अध्ययन से बता सकता है. लेकिन तीसरा, छठा, दसवां भाव मजबूत और आठवां, बारहवां कमजोर माने जाते हैं. इसके अलावा राशि, दृष्टि और युति से भी मंगल की स्थिति का पता चलता है.

कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति जीवन के कई पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालती है. मंगल की स्थिति मजबूत हो तो व्यक्ति में साहस, ऊर्जा और सफलता आती है, जबकि कमजोर स्थिति अनेक परेशानियों का कारण बन सकती है. लेकिन मंगल की सटीक स्थिति जानने के लिए जन्मतिथि, जन्म समय और जन्म स्थान के आधार पर किसी अनुभवी ज्योतिषी से कुंडली का विश्लेषण कराना आवश्यक है. ज्योतिषी ग्रहों की डिग्री, युति, दृष्टि और दशा-महादशा को देखकर सही जानकारी देते हैं.
मंगल जब कुंडली के तीसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में हो तो उसे मजबूत माना जाता है. तीसरा भाव पराक्रम और छोटे भाई-बहनों का होता है, छठा शत्रु, ऋण और रोगों का, दसवां करियर और पिता का, जबकि ग्यारहवां लाभ और आय से जुड़ा होता है. इन स्थानों पर मंगल व्यक्ति को साहस, ऊर्जा, कार्यक्षमता और सफलता देता है.
मंगल की स्थिति के आधार (भावों) पर प्रभाव
वहीं आठवां, बारहवां और कुछ हद तक दूसरा और पांचवां भाव मंगल के लिए अशुभ माने जाते हैं. आठवां आयु, विरासत और अचानक घटनाओं का भाव है, बारहवां व्यय, विदेश और अस्पताल से जुड़ा होता है, दूसरा धन और परिवार का भाव है और पांचवां संतान तथा शिक्षा का. इन भावों में मंगल की स्थिति कमजोर हो सकती है, जिससे अशुभ परिणाम हो सकते हैं. विशेष रूप से यदि मंगल लग्न (पहला), चौथा, सातवां, आठवां या बारहवां भाव में हो तो मांगलिक दोष बनता है, जो वैवाहिक जीवन में समस्याएं ला सकता है.
मंगल की राशि और दृष्टि का महत्व
मंगल अपनी स्वराशि मेष और वृश्चिक में तथा उच्च राशि मकर में अत्यंत मजबूत होता है. ये स्थान मंगल को शुभ फल देते हैं. दूसरी ओर मंगल की नीच राशि कर्क में उसकी स्थिति कमजोर हो जाती है. इसके अलावा यदि मंगल पर शुभ ग्रह जैसे गुरु की दृष्टि हो, तो मंगल मजबूत होता है, लेकिन शनि, राहु या केतु की दृष्टि या युति में हो तो मंगल पीड़ित या कमजोर हो सकता है.
मंगल के कमजोर होने के लक्षण
कमजोर मंगल वाले व्यक्ति में क्रोध, चिड़चिड़ापन, जिद्दीपन और अहंकार की प्रवृत्ति अधिक होती है. वे निर्णय लेने में हिचकिचाते हैं, भाई-बहनों से संबंध खराब हो सकते हैं, कानूनी विवादों में फंसते हैं, बार-बार चोट लगती है और ऊर्जा की कमी महसूस होती है. साथ ही पाचन समस्याएं, थकान, करियर व धन की कमी, विवाह में देरी या बाधाएं, वैवाहिक जीवन में कलह और असंतोष भी हो सकता है.
मंगल के मजबूत होने के लक्षण
मजबूत मंगल वाले व्यक्ति ऊर्जावान, साहसी, आत्मविश्वासी और निडर होते हैं. उनमें नेतृत्व क्षमता, निर्णायकता और न्यायप्रियता होती है. वे खेलकूद, सेना या पुलिस जैसे क्षेत्रों में सफलता पाते हैं. उनके छोटे भाई-बहन से अच्छे संबंध होते हैं, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और वे दुर्घटनाओं से बचाव करते हैं. करियर में तरक्की, धन लाभ और जीवन में समृद्धि भी होती है. इसलिए अपनी कुंडली में मंगल की स्थिति जानना और आवश्यकतानुसार उपाय करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है ताकि जीवन में मंगल के शुभ प्रभावों का लाभ लिया जा सके.


