गुरुवार को करें ये चमत्कारी उपाय... शादी में आ रही हर रुकावट होगी खत्म, कुंडली के बड़े से बड़े दोष भी होंगे दूर
अगर शादी की बात बार-बार अटक रही है, रिश्ते पक्के होने से पहले टूट जा रहे हैं, या कोई न कोई रुकावट आ ही जाती है. तो एक बहुत सरल और असरदार उपाय है . हर गुरुवार को बृहस्पति देव की पूजा करें. यह छोटी-सी पूजा विवाह की राह में आने वाली बाधाओं को धीरे-धीरे दूर करती है, भाग्य को जगाती है, दिल में प्रेम बढ़ाती है और रिश्तों में मधुरता लाती है.

नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति ग्रह विवाह, भाग्य, धर्म और संतान का प्रमुख कारक माना जाता है. देवताओं के गुरु होने के कारण इसे ‘देवगुरु’ भी कहा जाता है. जब कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो जाता है या गुरु दोष बन जाता है, तो विवाह संबंधी मामलों में अड़चनें आने लगती हैं. कई बार अच्छे रिश्ते मिलते हैं, लेकिन वे आगे नहीं बढ़ पाते. ऐसे में ज्योतिषाचार्य बृहस्पति को मजबूत करने की सलाह देते हैं, ताकि विवाह में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके.
गुरुवार के दिन विशेष पूजा और मंत्र जाप से बृहस्पति की कृपा प्राप्त की जा सकती है. इसे करने से न केवल विवाह योग मजबूत होता है, बल्कि पारिवारिक जीवन में शांति और समृद्धि भी बढ़ती है.
बृहस्पति पूजा करने की विधि
शास्त्रों में गुरुवार को विशेष पूजा का महत्व बताया गया है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें, क्योंकि पीला रंग बृहस्पति का प्रतीक है. पूजा स्थल पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें. पूजा के दौरान पीले फूल, केला, हल्दी और एकाक्षी नारियल अर्पित करें. इसके बाद शांति और श्रद्धा के साथ ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें. पूजा के बाद केले के पेड़ पर हल्दी मिला जल चढ़ाकर दीपक जलाएं.
तुलसी पर दूध-मिश्रित जल चढ़ाकर घी का दीपक लगाने से भी बृहस्पति और विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि इस पूरी विधि से गुरु दोष शांत होता है और विवाह में आ रही बाधाएं धीरे-धीरे कम होने लगती हैं.
व्रत के नियम
गुरुवार को व्रत रखते समय एक समय ही सादा भोजन किया जाता है. इसमें चने की दाल और गुड़ से बना पीला भोजन जैसे हलवा शामिल होना चाहिए. व्रत के दौरान मन में विवाह से जुड़ी इच्छाओं को शांति और भक्ति भाव से रखें. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जब बृहस्पति बलवान होता है, तो व्यक्ति को योग्य और समझदार जीवनसाथी मिलता है और वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है. इसके साथ ही मां कात्यायनी की पूजा करने से मनचाहा जीवनसाथी भी प्राप्त होता है.
गुरुवार के उपाय से परिवार में बढ़ती है शांति
शास्त्रों में विवाह के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को शुभ माना गया है, लेकिन गुरुवार का महत्व सबसे अधिक है. बृहस्पति से जुड़ा यह दिन पूजा और व्रत के लिए सर्वोत्तम माना जाता है.
गुरुवार को पीले वस्त्र पहनकर, भगवान विष्णु की पूजा और बृहस्पति मंत्रों का जप करने से व्यक्ति अपने विवाह योग को सशक्त बना सकता है. ऐसा करने से न केवल शादी में आ रही बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि परिवार में सुख, शांति और समृद्धि में भी वृद्धि होती है.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


