Shardiya Navratri 2025: छठा या सातवां... आज शारदीय नवरात्रि का कौन सा दिन है? जानें किस देवी की होगी पूजा
Shardiya Navratri 2025: इस बार शारदीय नवरात्रि में तिथियों को लेकर काफी कन्फ्यूजन है. दरअसल, इस साल नवरात्रि नौ नहीं बल्कि दस दिनों तक मनाया जा रहा है. ऐसे में भले ही 28 सितंबर को पर्व का सातवां दिन है, लेकिन आज मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी.

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का पर्व देशभर में पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इस बार नवरात्रि की तिथियों को लेकर लोगों में काफी असमंजस देखने को मिल रहा है. वजह यह है कि इस साल नवरात्रि नौ की बजाय दस दिनों तक मनाया जा रहा है. चौथा नवरात्र दो दिन पड़ने के कारण यह स्थिति बनी है.
ऐसे में 28 सितंबर 2025 को भले ही नवरात्र का सातवां दिन माना जाएगा, लेकिन आज मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की ही पूजा की जाएगी. मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और दिव्य है. इन्हें सोने के समान आभामयी बताया गया है. इनके चार हाथ हैं ऊपरी बाएं हाथ में तलवार, नीचे वाले हाथ में कमल का फूल, दाहिने ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले हाथ में वरदमुद्रा धारण करती हैं.
मां कात्यायनी की पूजा का महत्व
मान्यता है कि ब्रज की कन्याओं और स्वयं राधारानी ने भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने के लिए मां कात्यायनी की आराधना की थी. श्रीकृष्ण ने उनके वरदान को पूरा करने के लिए महारास रचा. शास्त्रों में उल्लेख है कि मां कात्यायनी की पूजा से साहस, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति में भी सफलता मिलती है.
कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा?
-
सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें.
-
पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें.
-
मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र के समक्ष कलश स्थापित कर वस्त्र अर्पित करें.
-
घी का दीपक जलाकर रोली से तिलक करें और पीले फूल चढ़ाएं.
-
पान के पत्ते पर शहद, बताशे और लौंग रखकर माता को भोग अर्पित करें.
-
अंत में कपूर जलाकर मां कात्यायनी की आरती करें.
मां कात्यायनी का प्रिय भोग
देवी को पीले रंग और मीठे भोग विशेष प्रिय हैं. भक्त मां को शहद और गुड़ से बने व्यंजन अर्पित करते हैं. मान्यता है कि शहद से बने हलवे का भोग लगाने से देवी कात्यायनी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
मां कात्यायनी का मंत्र
कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी.
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः..
जय जय अम्बे, जय कात्यायनी. जय जगमाता, जग की महारानी.
कंचनाभा वराभयं पद्मधरां मुकटोज्ज्वलां.
स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनी नमोस्तुते.
Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं, पंचांग और ज्योतिषय गणनाओं पर आधारित है. JBT यहां दी गई जानकारी की किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.


