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ढांचा गिरा, विवाद भड़का, मंदिर बना… मगर 33 साल के इस सफर का सवाल-किसकी जीत और किसकी कहानी छुपा दी गई?

राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को हुआ था। राम मंदिर के भव्य उद्घाटन में देश-विदेश से लोग शामिल हुए थे। हाल ही में, 25 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर के शिखर पर झंडा फहराया। मंदिर की भव्यता देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया था। लेकिन, आज आप जो भव्य राम मंदिर देख रहे हैं, वह सिर्फ कारीगरों के हुनर ​​का ही नहीं, बल्कि सैकड़ों लोगों के खून का भी नतीजा है। राम मंदिर बनने का सफर दशकों पहले 6 दिसंबर, 1992 को शुरू हुआ था।

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

आज 6 दिसंबर है-वही तारीख, जब 1992 में बाबरी मस्जिद ढांचा गिरा था और अयोध्या विवाद नई आग में बदल गया था। ठीक 32 साल बाद इसी तारीख को आज, भारत उस संघर्ष का नतीजा देख रहा है-वह राम मंदिर, जो अब पूरी तरह तैयार है और जिसके शिखर पर कुछ ही दिन पहले ध्वजारोहण किया जा चुका है। यह भव्यता सिर्फ निर्माण का काम नहीं, उस पूरी यात्रा का आख़िरी पड़ाव है जो 6 दिसंबर की घटना के बाद शुरू हुई थी।

कैसे ध्वस्त हुआ बाबरी मस्जिद का ढांचा 

जिस तरह आज लोग अपने राम के लिए समर्पित है ठीक इसी तरह 1992 में भी राममंदिर का सपना लोगो की रगो में जोश भरता था . राममंदिर के सपने को साकार करने के लिए आज ही के दिन 6 दिसंबर 1992 को हज़ारो की संख्या में लोग बाबरी मस्जिद के पास जमा हुए है . लोगो ने पहले नारेबाजी और प्रदर्शन किया फिर धीरे भीड़ ने एक विकराल रूप ले लिया . कई लोग ने एक साथ मस्जिद के ढांचे पर चढ़ाई कर दी और एक-एक कर तीनों गुम्बदों को गिरा दिया और मस्जिद के ठीक ऊपर भगवा फहरा दिया . इस घटना के बाद से पुरे देश में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा फ़ैल गयी . जिसमे करीब 400 लोगो की जाने गई . अयोध्या से शुरू हुई ये आग दिल्ली, मुंबई , कलकत्ता से लेकर कई शहरों में फ़ैल गई . 

ASI की रहीं खास भूमिका 

भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण ने राममंदिर निर्माण में एक अहम् भूमिका निभाई . 2003 में दी गई अपनी रिपोर्ट में ASI ने धवस्त हुए मस्जिद के निचे ,'' हिंदू संरचना के अवशेषों" का उल्लेख किया . एएसआई के पूर्व अधिकारियों, जैसे के.के. मुहम्मद, ने खुदाई में मिली चीज़ों (जैसे टेराकोटा मूर्तियां, मंदिर के खंभे) के आधार पर मंदिर के अस्तित्व का समर्थन किया, और उनके साक्ष्यों ने इस दावे को पुष्ट किया कि बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष थे, जिससे इस ऐतिहासिक स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग खुला।  एएसआई की रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे निर्माण का रास्ता साफ हुआ। जिसका नतीजा तो आप देख रहे है अयोध्या का राममंदिर जो अपने शान से खड़ा है .  

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06 December 2025, 09:11 AM IST

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