Bishan Singh Bedi Passes Away: पूर्व दिग्गज क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी का निधन, 77 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
Bishan Singh Bedi Passes Away: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है. उन्होंने 77 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा.

Bishan Singh Bedi Passes Away: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है. उन्होंने 77 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा. बिशन सिंह बेदी का जन्म 25 सितंबर 1946 को अमृतसर पंजाब में हुआ था. बिशन सिंह बेदी ने भारत के लिए साल 1966 में टेस्ट डेब्यू किया था. बिशन सिंह अगले 13 साल तक भारतीय टीम के लिए सबसे बड़े मैच विनर प्लेयर साबित हुए.
साल 1979 में संन्यास लेने से पहले तक बिशन सिंह बेदी ने कुल 67 टेस्ट मैच खेले, उन्होंने 28.71 के शानदार औसत से 266 विकेट अपने नाम किए थे. इस दौरान बिशन सिंह बेदी भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज रहे हैं.
The BCCI mourns the sad demise of former India Test Captain and legendary spinner, Bishan Singh Bedi.
Our thoughts and prayers are with his family and fans in these tough times.
May his soul rest in peace 🙏 pic.twitter.com/oYdJU0cBCV— BCCI (@BCCI) October 23, 2023
बता दें कि बिशन सिंह बेदी के अंदर गेंदबाजी के अलावा लीडरशिप की भी काबिलियत थी. बिशन सिंह बेदी को 1976 में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया और साल 1978 तक उन्होंने भारतीय टीम का नेतृत्व किया.
वहीं बिशन सिंह बेदी को एक ऐसे कप्तान के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने टीम के खिलाड़ियों के अंदर लड़ने की क्षमता को पैदा किया और अनुशासन को लेकर नए बेंच मार्क स्थापित किए. बतौर कप्तान बिशन सिंह बेदी ने कई नई इबारत भी लिखी. कप्तान के तौर पर बिशन सिंह बेदी ने साल 1976 में उस समय की सबसे मजबूत टीम वेस्टइंडीज को उसी की सरजमीं पर जाकर टेस्ट सीरीज में हराया था.
वहीं क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी बिशन सिंह बेदी का लगाव इस खेल के लिए समाप्त नहीं हुआ. बिशन सिंह बेदी ने लंबे समय तक खुद को इस खेल के साथ जोड़ कर रखा. क्रिकेट की दुनिया में बिशन सिंह बेदी ने बतौर कमेंटेटर भी अपनी पहचान बनाई.
वहीं बतौर कोच भी बिशन सिंह बेदी लंबे समय तक क्रिकेट और भारतीय टीम के साथ जुड़े रहे. इतना ही नहीं स्पिन विभाग में भारत को मजबूत बनाने के लिए उन्होंने नए खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी और भारतीय क्रिकेट के लिए आखिरी क्षण तक अपना योगदान देते रहे हैं.


