अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया तैयार, वैभव सूर्यवंशी सहित 15 खिलाड़ियों पर टिकी निगाहें
आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2026 के लिए भारत ने अपनी 15 सदस्यीय टीम घोषित कर दी है। नए और पुराने चेहरों के साथ यह टीम खिताब वापसी के इरादे से उतरेगी।

BCCI ने अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए जिस टीम का ऐलान किया है, वह भविष्य की तैयारी का संकेत देती है। ज्यादातर खिलाड़ी हाल ही में एशिया कप खेल चुके हैं। चयन में निरंतरता दिखाई देती है। नए प्रयोग सीमित रखे गए हैं। भरोसा उन्हीं पर जताया गया है। यह बताता है कि बोर्ड स्थिर टीम चाहता है। दबाव में खेलने की क्षमता को प्राथमिकता मिली है।
आयुष म्हात्रे पर फिर क्यों भरोसा जताया गया?
टीम की कमान एक बार फिर आयुष म्हात्रे को सौंपी गई है। यह फैसला अनुभव के आधार पर लिया गया है। एशिया कप में उनकी कप्तानी सकारात्मक रही। हालांकि वह चोट से जूझ रहे हैं। इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने भरोसा बनाए रखा। उपकप्तान विहान मल्होत्रा भी उसी स्थिति में हैं। दोनों पर मेडिकल टीम की नजर रहेगी।
वैभव सूर्यवंशी क्यों सबसे बड़ा आकर्षण हैं?
14 साल के वैभव सूर्यवंशी पर पूरे टूर्नामेंट में नजरें टिकी रहेंगी। इतनी कम उम्र में उनका चयन बड़ी बात है। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने लगातार प्रदर्शन किया है। ओपनिंग में उनकी भूमिका अहम होगी। उनसे तेज शुरुआत की उम्मीद है। पिछली हार का बदला लेने की कहानी भी उनसे जुड़ती है। यही वजह है कि चर्चा उनके इर्द-गिर्द है।
ग्रुप बी की चुनौती कितनी कठिन है?
भारत को ग्रुप बी में रखा गया है। इस ग्रुप में अमेरिका, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड शामिल हैं। हर मुकाबला अहम होगा। पहला मैच 15 जनवरी को अमेरिका के खिलाफ है। इसके बाद बांग्लादेश से भिड़ंत होगी। न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच निर्णायक साबित हो सकता है। एक भी चूक टीम को मुश्किल में डाल सकती है।
गेंदबाजी विभाग कितना संतुलित है?
टीम में तेज और स्पिन दोनों विकल्प मौजूद हैं। देवेंद्रन दीपेश ने एशिया कप में प्रभावित किया था। कनिष्क चौहान स्पिन में अहम हथियार होंगे। परिस्थितियों के अनुसार गेंदबाजी बदली जा सकेगी। यही टीम की मजबूती है। छोटे मैदानों पर नियंत्रण जरूरी होगा। गेंदबाजों पर दबाव अधिक रहेगा। संतुलन ही जीत की कुंजी बनेगा।
विकेटकीपिंग और मिडिल ऑर्डर कितना मजबूत है?
विकेटकीपर के तौर पर अभिज्ञान कुंडू को जिम्मेदारी दी गई है। मिडिल ऑर्डर में कई भरोसेमंद नाम हैं। दबाव में रन बनाना इनका काम होगा। रन गति बनाए रखना जरूरी रहेगा। पिछले टूर्नामेंट में यहीं चूक हुई थी। इस बार संतुलन पर जोर दिया गया है। यही चयन का संदेश है।
क्या भारत छठा खिताब जीत पाएगा?
भारत पांच बार अंडर-19 वर्ल्ड कप जीत चुका है। पिछली बार फाइनल में हार मिली थी। इस बार वही अधूरा सपना पूरा करने का मौका है। टीम युवा है लेकिन अनुभव भी है। चयन निरंतरता दिखाता है। अब मैदान पर प्रदर्शन तय करेगा। यही टीम इंडिया की असली परीक्षा होगी।


