भारतीय महिला टीम ने रचा इतिहास, रेलवे ने तीन विश्वकप सितारों को ओएसडी पद दिया
भारत की महिला क्रिकेट टीम के पहली बार वर्ल्ड कप जीतने के बाद रेलवे ने खिलाड़ियों प्रतीका रावल, स्नेह राणा और रेणुका सिंह को ओएसडी (स्पोर्ट्स) पद देकर सम्मानित किया।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार आईसीसी वुमेंस वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। फाइनल 2 नवंबर 2025 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला गया था। यह टूर्नामेंट भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में 30 सितंबर से शुरू हुआ था। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। पूरे देश में इस जीत का जश्न मनाया गया। यह उपलब्धि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। इस जीत ने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी।
रेलवे ने क्यों दिया बड़ा सम्मान?
वर्ल्ड कप जीत में अहम योगदान देने वाली तीन खिलाड़ियों प्रतीका रावल, स्नेह राणा और रेणुका सिंह ठाकुर को भारतीय रेलवे ने ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी- स्पोर्ट्स) नियुक्त किया है। इन खिलाड़ियों को अब ग्रुप बी गजेटेड अधिकारी के समकक्ष वेतन और सुविधाएं मिलेंगी। रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड के इस कदम से खिलाड़ियों को आर्थिक सुरक्षा के साथ प्रशासनिक भूमिका भी मिलेगी। यह महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का बड़ा स्रोत माना जा रहा है। खेल जगत में इस फैसले की व्यापक सराहना हो रही है।
प्रतीका रावल का क्या रहा योगदान?
प्रतीका रावल ने ग्रुप स्टेज के मुकाबलों में कई यादगार पारियां खेलीं और टीम को मजबूत शुरुआत दिलाई। हालांकि सेमीफाइनल से ठीक पहले उन्हें चोट लगी और वह टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। उनकी जगह शेफाली वर्मा को मौका दिया गया। इसके बावजूद देश और रेलवे ने प्रतीका के योगदान को सम्मानित किया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला खिलाड़ी के मनोबल को मजबूत करेगा। प्रतीका अब फिट होकर वापसी की तैयारी में हैं। टीम में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।
स्नेह राणा का प्रदर्शन कैसा रहा?
स्नेह राणा को बतौर बॉलिंग ऑलराउंडर टीम में शामिल किया गया था। उन्होंने शुरुआती मैचों में प्रभावी गेंदबाजी की। लेकिन 23 अक्टूबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच के बाद उन्हें आगे मौका नहीं मिला। इसके बावजूद चयन समिति ने उनके अनुभव और संतुलन क्षमता को सराहा। रेलवे का यह सम्मान उनकी मेहनत की स्वीकृति माना जा रहा है। क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि राणा भविष्य में टीम की रणनीतिक भूमिका निभा सकती हैं। यह नियुक्ति उनके करियर में नया मोड़ साबित हो सकती है।
रेणुका सिंह क्यों बनीं गेंदबाजी की शान?
पूरे वर्ल्ड कप में रेणुका सिंह भारतीय गेंदबाजी की सबसे मजबूत कड़ी रहीं। उन्होंने लगातार सटीक लाइन और लेंथ से विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव बनाया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने 8 ओवर में सिर्फ 28 रन दिए और रनगति को नियंत्रित रखा। उनके प्रदर्शन की प्रशंसा देशभर में हुई। रेलवे ने उनके योगदान को देखते हुए उन्हें ओएसडी पद देकर सम्मानित किया। रेणुका आज देश में युवा गेंदबाजों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। विशेषज्ञ उन्हें भारत की भविष्य की स्पीड स्टार के रूप में देख रहे हैं।
इस फैसले का क्या राष्ट्रीय महत्व?
रेलवे द्वारा खिलाड़ियों को गजेटेड अधिकारी का दर्जा देना खेलों में संस्थागत सहयोग की दिशा में बड़ा कदम है। इससे महिला खिलाड़ियों को आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सम्मान दोनों मिलेगा। सरकार के इस फैसले से अन्य विभागों को भी प्रेरणा मिलेगी। इससे महिला क्रिकेट को नई गति मिलेगी। यह फैसला खेल नीति के सुधार की दिशा में ऐतिहासिक माना जा रहा है। आने वाले समय में इससे खेलों में भागीदारी बढ़ने की संभावना है। खासकर ग्रामीण इलाकों की खिलाड़ी अब और अधिक प्रेरित होंगी।
क्या यह नई खेल क्रांति की शुरुआत है?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस सफलता और सम्मान से देश में महिला क्रिकेट को नई दिशा मिलेगी। वर्ल्ड कप जीत के बाद अब सरकार और संस्थान खिलाड़ियों को मजबूत आधार प्रदान कर रहे हैं। इससे आने वाली पीढ़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का भरोसा मिलेगा। रेलवे का यह कदम खेलों में करियर के नए अवसर खोलेगा। यदि इसी तरह संस्थागत समर्थन जारी रहा तो भारत दुनिया की अग्रणी क्रिकेट शक्तियों में शामिल हो सकता है। यह जीत सिर्फ ट्रॉफी नहीं बल्कि एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।


