IOA ने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारत की दावेदारी को औपचारिक रूप से दी मंजूरी
IOA ने 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी के लिए भारत की दावेदारी को मंजूरी दी और अहमदाबाद को संभावित मेज़बान शहर चुना. कनाडा के हटने से भारत की संभावना बढ़ी है. अंतिम फैसला नवंबर 2025 में ग्लासगो में होगा.

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने मंगलवार, 13 अगस्त को औपचारिक रूप से भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी की दावेदारी को मंजूरी दे दी. यह फैसला नई दिल्ली में हुई विशेष आम बैठक (SGM) में लिया गया. भारत पहले ही इस आयोजन के लिए रुचि पत्र जमा कर चुका है और मेज़बान शहर के रूप में अहमदाबाद का समर्थन किया है. मेजबानी के अधिकार के लिए आधिकारिक बोली दस्तावेज़ जमा करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त तय है. इस बीच, कनाडा द्वारा दौड़ से हटने के बाद भारत की संभावनाएं और मजबूत हो गई हैं.
खेल स्थलों का निरीक्षण
हाल ही में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (CGF) के अधिकारी, निदेशक डैरेन हॉल के नेतृत्व में अहमदाबाद पहुंचे और खेल स्थलों का निरीक्षण किया. उन्होंने गुजरात सरकार के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की. उम्मीद है कि इस महीने के अंत में एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल फिर अहमदाबाद आएगा, क्योंकि दस्तावेज़ जमा करने की समयसीमा नज़दीक है.
भारत इससे पहले 2010 में नई दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी कर चुका है. उस समय का आयोजन बुनियादी ढांचे और खेल प्रबंधन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण अनुभव साबित हुआ था. इस बार, अगर 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी का अधिकार भारत को मिलता है, तो यह 2036 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम होगा.
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ की आम सभा नवंबर 2025 में ग्लासगो में बैठक करेगी, जहां मेज़बान देश पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. अहमदाबाद को मेज़बान शहर बनाने की योजना में अत्याधुनिक खेल परिसरों, बेहतर यातायात व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है.
2010 के दिल्ली खेलों में भारत ने हासिल किया दूसरा स्थान
2010 के दिल्ली खेलों में भारत ने अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में कुल 101 पदक जीते थे. 38 स्वर्ण, 27 रजत और 36 कांस्य. साथ ही पदक तालिका में दूसरा स्थान प्राप्त किया था. उस समय ऑस्ट्रेलिया 74 स्वर्ण, 55 रजत और 48 कांस्य के साथ पहले स्थान पर रहा, जबकि इंग्लैंड 37 स्वर्ण पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा.
अगर 2030 की मेजबानी भारत को मिलती है, तो यह न केवल देश की खेल क्षमता का वैश्विक प्रदर्शन होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेज़बानी में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा. साथ ही, यह स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और खेल अवसंरचना के विकास में भी अहम योगदान देगा.


