इस ऐतिहासिक जीत के पीछे सालों की मेहनत, तपस्या और जीत की ललक छिपी थी

भारत की शेरनियों ने विश्व कप का खिताब जीतकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है. भारत ने जैसे ही 52 रनों से ऐतिहासिक मुकाबला जीता, तभी हर देशवासियों की आंखों में खुशी के आंसू थे. पर यह जीत कुछ महीनों, दिन या घंटों की नहीं थी, इसमें छिपी थी सालों की मेहनत, तपस्या और जीत की ललक. 

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh


नई दिल्ली: भारत की शेरनियों ने विश्व कप का खिताब जीतकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है. भारत ने जैसे ही 52 रनों से ऐतिहासिक मुकाबला जीता, तभी हर देशवासियों की आंखों में खुशी के आंसू थे. पर यह जीत कुछ महीनों, दिन या घंटों की नहीं थी, इसमें छिपी थी सालों की मेहनत, तपस्या और जीत की ललक. 

1976 में पहला टेस्ट खेला था

1976 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था. उस समय ना तो उतने दर्शन स्टेडियम थे और ना ही सुविधाएं. साल 1973 में जब वुमेंस क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया का पंजीकरण कराया गया, तो खिलाड़ियों के पास ज्यादा सुविधाएं नहीं होती थी. खुद यूनिफॉर्म सिलनी पड़ती थी और दूसरों से उधार बैट-पैड लेकर गुजारा करना पड़ता था. बिना रिजर्व डिब्बों में सफर भी करना होता था. 

... और इतिहास का रूख बदला

2006 ही वो समय था, जब BCCI ने महिला क्रिकेट को अपने नियंत्रण में लिया था और यही से इतिहास का रूख बदला. समान वेतन नीति और WPL ने ही महिला क्रिकेट को नई ऊंचाई दी. मिताली राज, झूलन गोस्वामी, अंजुम चोपड़ा और अंजू जैन ने ही असल में लड़कियों में क्रिकेट के प्रति जुनून बढ़ाया.   

पहली बार जीता विश्व कप

आपको बता दें कि भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी जीती है. फाइनल मैच में शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा ने शानदार प्रदर्शन किया था. इनके अलावा स्मृति मंधाना ने अच्छी पारी खेली थी. इससे पहले 2005 और 2017 में भी भारत ने फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन दोनों बार हार का सामना करना पड़ा था. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बाद विश्व कप जीतने वाला भारत चौथा देश बना है.

यह अंत नहीं, एक नई शुरुआत है

मैच के बाद हरमनप्रीत ने भावुक होकर कहा कि यह जीत एक नए युग की शुरुआत है. हम इस बाधा को तोड़ना चाहते थे और अब इसे आदत बनाने का समय है. आने वाले समय में हम और मजबूत होकर लौटेंगे — यह अंत नहीं, बस शुरुआत है.” उनकी यह बात दर्शाती है कि भारतीय महिला क्रिकेट अब आत्मविश्वास और निरंतरता के नए दौर में प्रवेश कर चुका है.
 

calender
04 November 2025, 10:31 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag