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पाकिस्तान में मोहसिन नकवी की कायराना हरकत, एशिया कप ट्रॉफी विवाद को बढ़ा चढ़ाकर किया गया पेश

Trophy controversy: पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक क्लिप में एशियाई क्रिकेट परिषद अध्यक्ष मोहसिन नकवी को एशिया कप 2025 की ट्रॉफी विवाद के हीरो के रूप में दिखाया गया. जबकि भारतीय टीम ने दुबई फाइनल में जीत हासिल की थी, नकवी के हस्तक्षेप को राजनीतिक प्रदर्शन और राष्ट्रीय गौरव के रूप में बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Trophy controversy: पाकिस्तान से हाल ही में एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी को एशिया कप 2025 की ट्रॉफी से जुड़े एक विवादित पल का हीरो दिखाया जा रहा है. इस क्लिप में मंच पर खड़े एक व्यक्ति की टिप्पणियां नकवी की प्रशंसा करती दिख रही हैं. व्यक्ति ने कहा कि जब भारतीय टीम ट्रॉफी लेने से इनकार कर रही थी, तब नकवी ने धैर्य और दृढ़ता दिखाते हुए स्थिति संभाली.

ट्रॉफी विवाद का विवरण

वीडियो में यह बताया गया कि भारतीय टीम ने अपनी हकदार ट्रॉफी और मेडल लेने से मना कर दिया था. मंच पर उपस्थित व्यक्ति का कहना था कि नकवी ने सब्र का परिचय देते हुए लंबे समय तक खड़े रहकर किसी भी संभावित तनाव को संभाला. अंततः, ट्रॉफी नकवी द्वारा अपनी कार में रखकर ले जाई गई. इस घटना को पाकिस्तान के कई मीडिया हाउस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों ने अधिकार और राष्ट्रीय गौरव के क्षण के रूप में पेश किया.

भारतीय टीम की निष्पक्ष जीत

हालांकि वास्तविकता यह है कि भारतीय टीम ने 28 सितंबर को दुबई में खेले गए एशिया कप 2025 के फाइनल में पूरी निष्पक्षता और खेल भावना के साथ जीत हासिल की थी. भारतीय खिलाड़ियों ने मैदान पर ट्रॉफी उठाने और अपने परिश्रम का जश्न मनाने का पूरा अधिकार था. बावजूद इसके, नकवी का हस्तक्षेप और उसका प्रदर्शन राजनीतिक और अहंकारी दिखावे के रूप में मीडिया में महिमामंडित किया जा रहा है.

राजनीतिक और सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएं

पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने इस घटना को राष्ट्रीय गर्व और हीरोइज़्म के उदाहरण के रूप में देखा. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि नकवी ने भारतीय टीम के आधिकारिक पल को अपने राजनीतिक प्रभुत्व और दिखावे के लिए मोड़ दिया. कई मंचों पर इसे पाकिस्तान की कूटनीतिक और प्रशासनिक साख के लिए बड़ा कदम बताने की कोशिश की गई.

आलोचना 

विशेषज्ञों और क्रिकेट प्रेमियों ने इस महिमामंडन पर चिंता व्यक्त की है. उनका मानना है कि यह घटना खेल की जीत और खिलाड़ियों की उपलब्धि को राजनीतिक प्रदर्शन में बदलने का उदाहरण है. क्रिकेट का मूल उद्देश्य खेल भावना और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा है, जिसे इस मामले में नजरअंदाज किया गया. नकवी के धैर्य और दृढ़ता को राजनीतिक तौर पर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया, जबकि वास्तविकता में भारतीय खिलाड़ियों के अधिकार और मेहनत का पल छीन लिया गया.

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24 October 2025, 08:32 AM IST

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