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MS धोनी की बढ़ी मुसीबतें, 100 करोड़ के मानहानि मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने शुरू की सुनवाई; जानें मामला

मद्रास हाईकोर्ट ने एमएस धोनी द्वारा 2014 में दायर 100 करोड़ रुपये के मानहानि मामले की सुनवाई का आदेश दिया है. यह मामला 2013 के आईपीएल सट्टेबाजी विवाद के दौरान मीडिया द्वारा उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने के आरोपों से जुड़ा है. अब धोनी का बयान एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से दर्ज किया जाएगा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी द्वारा दायर 100 करोड़ रुपये के मानहानि मामले में सुनवाई का आदेश दिया है . भीड़भाड़ और अव्यवस्था से बचने के लिए धोनी का बयान एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से दर्ज किया जाएगा. धोनी ने कहा है कि वह 20 अक्टूबर और 10 दिसंबर को जिरह के लिए उपलब्ध रहेंगे.

मामला क्या है?

लगभग 10 साल पहले, एमएस धोनी ने कुछ मीडिया संस्थानों और पत्रकारों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया था. मद्रास हाईकोर्ट ने अब इस मामले को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है. धोनी ने 2014 में दो प्रमुख मीडिया चैनलों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग करते हुए यह मुकदमा दायर किया था. उस समय, आरोप लगाया गया था कि 2013 के आईपीएल सट्टेबाजी कांड पर एक टीवी बहस के दौरान की गई टिप्पणियों का उद्देश्य उनकी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था.

पृष्ठभूमि क्या है?

2013 के आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग की जांच का टूर्नामेंट पर गहरा असर पड़ा, जिससे दो टीमें चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और राजस्थान रॉयल्स (आरआर) और कई खिलाड़ी प्रभावित हुए. जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों के बाद सीएसके और आरआर पर दो साल (2016 और 2017) का प्रतिबंध लगाया गया था.

तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद और सीएसके के अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन जैसे बड़े नाम, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा के साथ, इस विवाद में उलझ गए, जिससे आईपीएल की छवि को और नुकसान पहुंचा. राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी एस. श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला भी गिरफ्तार किए गए.

धोनी पर साबित नहीं हुआ कोई आरोप

चेन्नई टीम के कप्तान होने के नाते एमएस धोनी पर इसका असर पड़ना स्वाभाविक था. आईपीएल में सबसे ज़्यादा मैच खेलने (278) और सबसे ज़्यादा मैच जीतने (100) का रिकॉर्ड रखने वाले धोनी को दो साल तक चेन्नई की बजाय पुणे की टीम से खेलना पड़ा. हालांकि, धोनी पर व्यक्तिगत रूप से कोई आरोप कभी साबित नहीं हुआ. उनका दावा है कि उस दौरान कई मीडिया संस्थानों ने उन पर टिप्पणी करते हुए अपनी सीमा लांघी.

अब इस मामले की सुनवाई तेज़ी से आगे बढ़ने की उम्मीद है. इसके लिए न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन ने एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया है. कमिश्नर एमएस धोनी की ओर से गवाह, सबूत और बयान दर्ज करेंगे. अपने हलफनामे में, धोनी ने कहा कि वह अदालत और कमिश्नर के निर्देशों का पालन करेंगे और उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि मुकदमे में देरी न हो.

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12 August 2025, 09:00 PM IST

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