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'हम खुश हैं, लेकिन...' उद्धव-राज ठाकरे के पुनर्मिलन की चर्चा पर देवेंद्र फडणवीस ने दी सधी प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा शनिवार को अलग-अलग यह कहे जाने के बाद कि वे राज्य और मराठी लोगों के हित में एकजुट होने के इच्छुक हैं, दोनों चचेरे भाइयों के बीच पुनर्मिलन की अटकलों ने जोर पकड़ लिया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अलग हुए चचेरे भाईयों उद्धव और राज ठाकरे के एक बार फिर साथ आने की बहुचर्चित संभावना का स्वागत किया, लेकिन उनकी पार्टी द्वारा उनके बयानों में पड़ने की आवश्यकता पर सवाल उठाया. फडणवीस ने शनिवार को कहा कि अगर वे साथ आ रहे हैं तो हमें खुशी है. अगर वे अपने मतभेदों को अलग रखकर ऐसा करते हैं तो किसी को दुखी होने की कोई वजह नहीं है. एक ने कॉल दिया है और दूसरे ने इसका जवाब दिया है. हमें इसमें क्यों पड़ना चाहिए?"

आपको बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा शनिवार को अलग-अलग यह कहे जाने के बाद कि वे राज्य और मराठी लोगों के हित में एकजुट होने के इच्छुक हैं, दोनों चचेरे भाइयों के बीच पुनर्मिलन की अटकलों ने जोर पकड़ लिया.

ठाकरे परिवार विवादों को दरकिनार करने को तैयार

यह कहानी तब शुरू हुई जब राज ठाकरे ने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर के साथ पॉडकास्ट में अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई. उन्होंने कहा कि मेरे लिए महाराष्ट्र का हित सबसे बड़ा है और बाकी सब कुछ उसके सामने गौण है. इसके लिए मैं छोटे-मोटे विवादों को अलग रख सकता हूं और मैं उद्धव के साथ काम करने के लिए तैयार हूं. बस सवाल यह है कि क्या वह भी इसके लिए तैयार हैं.

साथ मिलकर काम करने को तैयार

कुछ घंटों बाद उद्धव ने इस कॉल का जवाब दिया, लेकिन एक शर्त के साथ. उद्धव ठाकर ने ने कहा कि मैं भी मराठी भाषा और महाराष्ट्र के लिए छोटे-मोटे विवादों को दरकिनार कर मैं साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हूं, लेकिन राज ठाकरे को महाराष्ट्र विरोधी लोगों और पार्टियों की मेजबानी नहीं करनी चाहिए और छत्रपति शिवाजी महाराज के सामने शपथ लेनी चाहिए.

पुनर्मिलन की अटकलें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को रास नहीं आईं, जो अविभाजित शिवसेना से अलग होकर भाजपा में शामिल हुए और उन्हें मूल शिवसेना के रूप में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से मान्यता भी मिली. शिंदे ने कहा कि सरकार के काम के बारे में सवाल पर ही टिके रहें, इसके अलावा कुछ नहीं.

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20 April 2025, 01:46 PM IST

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