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बारिश और भूस्खलन के बाद उत्तराखंड हाईवे पर 6 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम, पर्यटक हुए परेशान

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिससे बद्रीनाथ राजमार्ग पर छह किलोमीटर लंबा जाम लग गया है. धारी देवी मंदिर क्षेत्र में यात्री फंसे हुए हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग 7 (NH-7) पर ट्रैफिक सामान्य से अधिक है. प्रशासन जेसीबी से मलबा हटा रहा है. मौसम विभाग ने 27 मई तक और खराब मौसम की चेतावनी दी है. तीर्थयात्रियों से सतर्क रहने की अपील की गई है. यात्रियों को अस्थायी मदद भी दी जा रही है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं. इससे मुख्य राजमार्गों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है. खासकर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यह एक बड़ी समस्या बन गई है क्योंकि इस समय उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का सीजन अपने चरम पर है.

बद्रीनाथ राजमार्ग पर छह किलोमीटर लंबा जाम

सबसे अधिक असर बद्रीनाथ राजमार्ग पर देखने को मिल रहा है, जहां धारी देवी मंदिर से लेकर खांकरा तक लगभग छह किलोमीटर लंबा जाम लग गया है. यह क्षेत्र अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है और इस समय हजारों श्रद्धालु बद्रीनाथ की ओर यात्रा कर रहे हैं. मलबे और फिसलन के कारण कई स्थानों पर वाहन रुके हुए हैं, जिससे घंटों तक यात्री फंसे रहे.

एनएच-7 पर ट्रैफिक सामान्य से अधिक

गूगल द्वारा शाम 4 बजे जारी ट्रैफिक अलर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग 7 (NH-7) पर सामान्य से अधिक ट्रैफिक देखा गया है. यह राजमार्ग ऋषिकेश से शुरू होकर देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, चमोली और जोशीमठ होते हुए बद्रीनाथ तक पहुंचता है. इन क्षेत्रों में यात्रा करने वाले वाहनों की संख्या अत्यधिक होने के कारण ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ गई है.

धारी देवी मंदिर क्षेत्र में यात्री परेशान

धारी देवी मंदिर, जो श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच स्थित है, वहां के आसपास के क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर हो गई है. भारी बारिश के कारण पहाड़ियों से मलबा राजमार्ग पर गिरा है. नतीजतन, गाड़ियाँ रेंगते हुए आगे बढ़ रही हैं. फोर्स ट्रैवलर्स, निजी कारें और ट्रक सभी जाम में फंसे हुए हैं. कई जगहों पर लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा.

मलबा हटाने में जुटी जेसीबी मशीनें

परिस्थिति को सामान्य करने के लिए प्रशासन की ओर से जेसीबी मशीनों को तैनात किया गया है, जो मलबा हटाने का कार्य कर रही हैं. हालांकि पहाड़ों से लगातार गिरते मलबे के कारण कार्य में देरी हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि सड़क को जल्दी से जल्दी साफ कर यात्रियों को राहत देने का प्रयास जारी है.

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने 27 मई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में ओलावृष्टि की संभावना जताई है. वहीं, पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान में धूल भरी आंधी की चेतावनी दी गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में मौसम की स्थिति और खराब हो सकती है, जिससे भूस्खलन की घटनाएं और बढ़ सकती हैं.

अनावश्यक यात्रा से बचें

स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें. अत्यधिक वर्षा और पहाड़ी क्षेत्रों में अस्थिरता के चलते भूस्खलन की आशंका बनी हुई है. सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों के जरिए लोगों को समय-समय पर अलर्ट भी भेजा जा रहा है.

यात्रियों को मिल रही अस्थायी मदद

जिन यात्रियों की गाड़ियां जाम में फंसी हुई हैं, उन्हें पास के ढाबों और दुकानों से पानी और खाने-पीने की चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं. कई स्वयंसेवी संगठन और स्थानीय निवासी भी यात्रियों की सहायता में जुटे हुए हैं.

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25 May 2025, 05:32 PM IST

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