उत्तराखंड के तीन जिलों में बादल फटने से 8 लोगों की मौत, 8 लोग लापता
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी वर्षा से बहुत नुकसान हुआ है. चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जिलों में गुरुवार रात हुई अतिवृष्टि और भूस्खलन से अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि आठ लोग लापता बताए जा रहे हैं.

Heavy rain in Uttarakhand: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी वर्षा ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जिलों में गुरुवार रात हुई अतिवृष्टि और भूस्खलन से अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि आठ लोग लापता बताए जा रहे हैं. राज्य के कई हिस्सों में नदियां उफान पर हैं और यातायात बुरी तरह बाधित हो गया है.
भूस्खलन से ढही इमारतें
बागेश्वर के पोसारी गांव में भूस्खलन के कारण एक मकान ध्वस्त हो गया, जिससे पांच लोगों की मौत हो गई. चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के मोपाटा गांव में भी एक घर भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिसमें एक दंपति की जान चली गई. इसी तरह रुद्रप्रयाग जिले के बड़ेथ डुंगर तोक में पहाड़ी दरकने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि यहां आठ लोग अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है. इनमें नेपाल के चार मजदूर भी शामिल हैं.
सड़कों और नदियों का संकट
लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं. पौड़ी के श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि पानी बदरीनाथ हाईवे तक पहुंच गया. उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बंद हो गए हैं. हल्द्वानी-भीमताल हाईवे भी रानीबाग के पास भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया. देहरादून में दूधली क्षेत्र में सुसवा नदी से सात वर्षीय बालक का शव बरामद किया गया है.
राहत-बचाव कार्य तेज, स्कूलों में छुट्टी
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां अलर्ट पर हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव में जुटे हुए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को तुरंत राहत और पुनर्वास कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं. मौसम की गंभीरता को देखते हुए पांच जिलों में स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
बसुकेदार में सबसे बड़ा नुकसान
रुद्रप्रयाग के बसुकेदार क्षेत्र के छेनागाड़ गांव से भी बड़ी तबाही की खबर आई है. यहां चार स्थानीय और चार नेपाली मजदूर मलबे में दबे होने की आशंका है. करीब सात-आठ जगहों पर सड़कें टूटने के कारण राहत दलों को घटनास्थल तक पहुंचने में देरी हुई, हालांकि अब बचाव अभियान जारी है.
शहरों में जलभराव ने बढ़ाई मुश्किलें
हरिद्वार में मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. कई कॉलोनियों और बाजारों में पानी भर गया है, जिससे लोगों का सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.


