10 मिनट की दहशत: जब विशाल अजगर की जकड़ में फंसा मजदूर
कोचिंग सिटी के रूप में मशहूर कोटा के थर्मल पावर प्लांट में सोमवार को एक मजदूर पर अचानक एक बड़े अजगर ने हमला कर दिया. नंद सिंह नाम का मजदू रो वॉटर की पाइपलाइन की जांच कर रहा था. उसी पाइपलाइन के पास अजगर छिपकर बैठा था, जिसे वह देख नहीं पाया और अचानक अजगर ने उसके पैर को जकड़ लिया.

कोटा: अजगर की पकड़ को लेकर कहावतें तो हम अक्सर सुनते हैं, लेकिन असल में जब कोई व्यक्ति इसके चंगुल में फंस जाता है तो उसकी स्थिति कितनी भयावह हो सकती है, इसका ताजा उदाहरण राजस्थान के कोटा में देखने को मिला है. कोचिंग सिटी के रूप में मशहूर कोटा के थर्मल पावर प्लांट में सोमवार को एक मजदूर पर अचानक एक बड़े अजगर ने हमला कर दिया. नंद सिंह नाम का मजदू रो वॉटर की पाइपलाइन की जांच कर रहा था. उसी पाइपलाइन के पास अजगर छिपकर बैठा था, जिसे वह देख नहीं पाया और अचानक अजगर ने उसके पैर को जकड़ लिया.
अजगर ने मजदूर पर किया हमला
जैसे ही अजगर ने अपने विशाल शरीर से नंद सिंह के पैर को कसना शुरू किया, वहां मौजूद लोग घबरा गए. लगभग 10 मिनट तक लोग उसे छुड़ाने की कोशिश करते रहे. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि अजगर की पकड़ कितनी मजबूत और डरावनी होती है. वीडियो देखकर कोई भी समझ सकता है कि ऐसे हमले के दौरान व्यक्ति कितनी मुश्किल स्थिति में आ जाता है.
अधिकारियों के उड़े होश
जानकारी के अनुसार, सुपर थर्मल पावर स्टेशन में यह घटना उस समय हुई जब नंद सिंह दो अधिकारियों के साथ पाइपलाइन चेक कर रहे थे. जैसे ही वह पाइपलाइन के करीब पहुंचे, घात लगाए बैठे अजगर ने तेजी से हमला किया और उसके पैर को अपनी पकड़ में ले लिया. अचानक हुए इस हमले से वहां मौजूद अधिकारियों के होश उड़ गए. उन्होंने तुरंत शोर मचाया और अन्य कर्मचारियों को मौके पर बुलाया.
अस्पताल में कराया गया इलाज
कर्मचारियों ने लाठी और डंडों की मदद से काफी संघर्ष करके लगभग दस मिनट बाद नंद सिंह को अजगर की पकड़ से बाहर निकाला. गनीमत यह रही कि नंद सिंह को गंभीर चोट नहीं आई, सिर्फ कुछ चोटें लगीं जिनका इलाज एमबीएस अस्पताल में करवाया गया और बाद में उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई.
कर्मचारियों ने की ये मांग
नंद सिंह का कहना है कि थर्मल पावर प्लांट परिसर में कई बार अजगर दिखाई देते हैं, लेकिन इतना बड़ा अजगर उन्होंने पहली बार देखा था जिसने उन पर हमला किया. कर्मचारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्लांट क्षेत्र में वन्यजीवों की नियमित जांच होनी चाहिए, ताकि मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. यह घटना साफ दिखाती है कि जंगलों और पानी के स्रोतों के पास काम करने वाले लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि किसी भी समय वन्य जीवों से खतरा हो सकता है.


