IPS पूरन आत्महत्या: अभय चौटाला की जुबान से निकले शब्द बने सियासी हथियार
आईपीएस वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या पर अभय चौटाला के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया, जिसे असंवेदनशील बताते हुए चौतरफा आलोचना हुई. सफाई में उन्होंने कहा कि उनका बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.

हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने जहां सरकार और ब्यूरोक्रेसी को हिलाकर रख दिया है, वहीं अब इस मामले ने और भी तूल पकड़ लिया है. इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रमुख अभय सिंह चौटाला के एक बयान ने इस संवेदनशील मामले को नया राजनीतिक मोड़ दे दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में अभय चौटाला एक प्रेस वार्ता से पहले कहते दिख रहे हैं कि 'मर गया तो क्या करें?' इस कथन ने पूरे प्रदेश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी.
आलोचना और गुस्सा
सोशल मीडिया पर चौटाला के इस बयान को लोगों ने शर्मनाक और असंवेदनशील करार दिया. कई नागरिकों और राजनीतिक विरोधियों ने कहा कि यह किसी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता. आलोचकों का कहना है कि एक वरिष्ठ अधिकारी की मौत पर इस तरह की हल्की टिप्पणी न केवल पीड़ित परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है बल्कि समाज को गलत संदेश भी देती है. कई लोगों ने उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की.
परिवार में ही विरोध
दिलचस्प बात यह है कि चौटाला परिवार के भीतर से भी इस बयान की निंदा हुई. जन नायक जनता पार्टी (जजपा) प्रमुख और अभय चौटाला के बड़े भाई अजय सिंह चौटाला ने कहा कि चाहे वह हों या उनका बेटा, वे अकसर लोगों को बेइज्जत करने वाली भाषा का प्रयोग करते हैं. यह टिप्पणी इंसानियत के खिलाफ है और अभय की मानसिकता को उजागर करती है. अजय ने कहा कि संवेदनशील मुद्दों पर भी वे हल्की टिप्पणियों से बाज नहीं आते.
दिग्विजय चौटाला का हमला
जजपा के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय चौटाला ने भी बिना नाम लिए अभय पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि हमारे समाज में अगर कोई दुश्मन भी मर जाए तो दुख व्यक्त किया जाता है. लेकिन जो व्यक्ति एक आईपीएस अधिकारी की मौत पर कहे कि “मर गया तो मरने दो”, वह ताऊ देवीलाल की विचारधारा पर नहीं चल रहा. दिग्विजय ने आरोप लगाया कि ऐसे लोग केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए संवेदनाओं का मजाक उड़ाते हैं और अब फिर से गुंडे-बदमाशों की टोली के साथ सक्रिय हो गए हैं.
अभय चौटाला की सफाई
लगातार बढ़ते विरोध के बीच अभय चौटाला ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और कांग्रेस पार्टी ने साजिश के तहत वीडियो वायरल किया. झज्जर में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी मृतक अधिकारी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की. उनका कहना है कि उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि जब तक तथ्य सामने नहीं आते, तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुँचना उचित नहीं है.
परिवार से मुलाकात और आश्वासन
अभय चौटाला ने बताया कि सुसाइड नोट सामने आने के बाद उन्होंने पूरन कुमार के परिवार से बात की है. इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेताओं को मृतक अधिकारी के आवास पर भेजा गया, जहां उनकी पत्नी और साले से मुलाकात की गई. उन्होंने आश्वासन दिया कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, इनेलो उनके साथ खड़ी रहेगी.
सरकार पर सवाल
अभय चौटाला ने इस मामले की जांच को लेकर मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि आरोपियों के पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि डीजीपी को अवकाश पर भेजा जाना चाहिए ताकि जांच में किसी तरह का हस्तक्षेप न हो. उनका कहना है कि इनेलो इस मामले को पूरी गंभीरता से देख रही है और परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी.


