उत्तराखंड के बाद अब इस राज्य में लागू होगा UCC, CM भूपेंद्र पटेल ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी, SC की पूर्व जज करेंगी अध्यक्षता
गुजरात में बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी. वहीं 2023 में विधि आयोग ने इस विषय पर फिर से चर्चा शुरू की. इसने कार्यान्वयन के संबंध में विभिन्न हितधारकों से नए इनपुट मांगे.

उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होगी. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पांच सदस्यीय कमेटी का ऐलान किया है. यह कमेटी यूसीसी के नियम -कानून बनाएगी. इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज रंजना देसाई करेंगी.
गुजरात में बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी. वहीं 2023 में विधि आयोग ने इस विषय पर फिर से चर्चा शुरू की. इसने कार्यान्वयन के संबंध में विभिन्न हितधारकों से नए इनपुट मांगे. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, गुजरात सरकार ने पहले ही राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के अपने इरादे की घोषणा कर दी थी.
इस राज्य में लागू है UCC
बता दें इससे पहले उत्तराखंड में 27 जनवरी को यूसीसी लागू किया गया था. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी (समान नागरिक संहिता) पोर्टल और नियम को लॉन्च किया है. उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करके हम संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. उत्तराखंड में यूसीसी प्रदेश और उससे बाहर रहने वाले राज्यों के निवासियों पर लागू होगा. हालांकि, अनुसूचित जनजातियों को छूट दी गई है.
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
बता दें यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों चाहे वो किसी भी धर्म, जाति, लिंग के लोग होंगे उनके लिए एक ही कानून होगा. अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है, तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे के साथ-साथ लिव-इन रिलेशनशिप जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक से कानून होगा. शादी के साथ-साथ लिव-इन में रहने वाले कपल्स को भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है.