भारी बारिश के बीच जयपुर में आमेर किले की दीवार का बड़ा हिस्सा गिरा, सामने आया Video
जयपुर के ऐतिहासिक आमेर किले की 200 फीट लंबी दीवार भारी बारिश से ढह गई. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ . यह हादसा धरोहर संरक्षण पर गंभीर सवाल उठाती है और पर्यटन पर असर डाल सकती है. विशेषज्ञों ने नियमित रखरखाव व जल निकासी प्रणाली की ज़रूरत बताई.

Amer Fort: राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित ऐतिहासिक आमेर किला शनिवार को एक बड़ी दुर्घटना का गवाह बना. किले की लगभग 200 फीट लंबी दीवार का एक हिस्सा भारी बारिश के कारण अचानक ढह गया. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे दीवार का बड़ा भाग पानी के दबाव और लगातार वर्षा की वजह से टूटकर नीचे मलबे में बदल गया. वीडियो में प्राचीन संरचना से पानी की धार बहते हुए भी देखी जा सकती है.
VIDEO | Jaipur, Rajasthan: 200-feet long wall collapses in Amer Fort.
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/71ctptxqd6— Press Trust of India (@PTI_News) August 23, 2025
किले का ऐतिहासिक महत्व
आमेर किला जयपुर का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है. 16वीं सदी में राजा मान सिंह द्वारा बनवाया गया यह किला राजपूताना शौर्य और स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है. इसके विशाल दरवाजे, भव्य दीवारें और नक्काशीदार महल हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. ऐसे में दीवार का ढहना न केवल धरोहर संरक्षण के लिए चिंता का विषय है, बल्कि पर्यटन उद्योग के लिए भी झटका है.
बारिश से बढ़ी परेशानी
पिछले कई दिनों से जयपुर और आसपास के इलाकों में लगातार तेज बारिश हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार हो रही वर्षा और दीवार की नींव में पानी भरने के कारण यह हादसा हुआ. भारी जलधाराओं ने किले की दीवार की मजबूती को कमजोर कर दिया, जिसके चलते यह हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा.
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और पुरातत्व विभाग के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे. दीवार के गिरने से किसी तरह की जनहानि नहीं हुई, लेकिन किले के संरक्षण को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि बारिश रुकने के बाद मलबा हटाने और क्षतिग्रस्त हिस्से को बहाल करने का काम शुरू किया जाएगा. साथ ही, अन्य कमजोर दीवारों और संरचनाओं की जांच भी की जाएगी.
विशेषज्ञों की राय
इतिहासकारों और धरोहर विशेषज्ञों का कहना है कि आमेर किले जैसी प्राचीन संरचनाएं समय-समय पर मरम्मत और संरक्षण की मांग करती हैं. यदि समय रहते इन पर ध्यान न दिया जाए तो प्राकृतिक आपदाएं जैसे बारिश और बाढ़ इन्हें गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं. विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि ऐसे किलों के चारों ओर मजबूत जल निकासी प्रणाली और नियमित रखरखाव आवश्यक है.
पर्यटकों पर असर
किले की दीवार गिरने से वहां आने वाले पर्यटकों में भी चिंता फैल गई है. कई पर्यटकों ने सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो साझा करते हुए संरक्षण कार्यों पर सवाल उठाए. फिलहाल सुरक्षा कारणों से किले के कुछ हिस्सों में पर्यटकों की आवाजाही पर अस्थायी रोक लगाई गई है.


