छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी मुहिम को मिली बड़ी कामयाबी, 71 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
71 Naxalites surrender in Dantewada: छत्तीसगढ़ में 71 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई से प्रभावित होकर हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण किया है. इनमें से 30 पर लाखों रुपये का इनाम था और वे कई गंभीर मामलों में शामिल थे.

71 Naxalites surrender in Dantewada: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों को माओवादी विरोधी अभियान के तहत एक अहम सफलता हाथ लगी है. पुलिस से मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इनमें 50 पुरुष और 21 महिलाएं शामिल हैं. सरेंडर करने वालों में से 30 माओवादियों पर कुल 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
एसपी गौरव राय ने क्या कहा?
दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय ने बताया कि ये सभी नक्सली बस्तर संभाग में सक्रिय थे और लंबे समय से कई हिंसक वारदातों में शामिल रहे हैं. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने राज्य सरकार की 'लोन वर्राटू' (घर लौटो) और 'पूना मारगेम' (पुनर्वास की राह) योजनाओं के जरिए मुख्यधारा से जुड़ने की इच्छा जताई.
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से माओवादी संगठन में दहशत है और अब उनके पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. पुलिस की रणनीति और समाज को जोड़ने की नीति का असर इन आत्मसमर्पणों में साफ नजर आता है.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कई कुख्यात नाम भी शामिल हैं:
1. बामन मड़काम, जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम था. वह 2011 से लेकर 2024 तक कई मुठभेड़ों में शामिल रहा है.
2. शमिला उर्फ सोमली कवासी, एक महिला माओवादी है. इस पर 5 लाख का इनाम था और वह मोबाइल टावर जलाने जैसी घटनाओं में शामिल थी.
3. गंगी उर्फ रोहनी बारसे और देवे उर्फ कविता माड़वी. दोनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था और ये हालिया मुठभेड़ों की आरोपी थीं.
4. जोगा मड़काम, पर 2 लाख रुपये का इनाम था. कई वर्षों से पुलिस को चकमा देता रहा था.
इन सभी नक्सलियों के खिलाफ दंतेवाड़ा और आसपास के थाना क्षेत्रों में कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. राज्य सरकार अब इन्हें पुनर्वास योजनाओं के तहत समाज की मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया शुरू करेगी. यह घटनाक्रम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.


