पीएम मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान हमें खुली छूट दी: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अभियानों के दौरान सशस्त्र बलों को पूरी तरह स्वतंत्रता प्रदान की.

थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अभियानों के दौरान सशस्त्र बलों को पूरी तरह संचालनात्मक स्वतंत्रता प्रदान की है. मध्य प्रदेश के रीवा स्थित टीआरएस कॉलेज में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस निर्णायक नेतृत्व और स्पष्ट दृष्टिकोण ने भारतीय सेना को रणनीतिक फैसले स्वतंत्र रूप से लेने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ऐतिहासिक सफलता हासिल करने में मदद की.
जनरल द्विवेदी ने कहा कि “तीसरा ‘सी’ यानी स्पष्टता हमारे नेतृत्व की सोच में थी. प्रधानमंत्री ने हमें पूरी छूट दी. भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी प्रधानमंत्री ने सेनाओं को इतनी आज़ादी दी हो.
#WATCH | Rewa, Madhya Pradesh | Addressing an event at TRS College, Chief of the Army Staff, General Upendra Dwivedi says, "... The third 'C' is clarity. The thinking of our political leader was clear. They gave us a free hand. It has never happened in history before that the… pic.twitter.com/GQTVK4iQlW
— ANI (@ANI) November 1, 2025
‘ऑपरेशन सिंदूर’: संप्रभुता और एकता का प्रतीक
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को न सिर्फ सैन्य सफलता, बल्कि भारत की संप्रभुता और शांति की पुनर्स्थापना का मिशन बताया. जनरल द्विवेदी ने बताया कि इस ऑपरेशन का नाम खुद प्रधानमंत्री मोदी ने रखा था. उन्होंने कहा कि सिंदूर भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ा शब्द है. जब कोई मां, बहन या बेटी सिंदूर लगाती है तो यह सीमाओं पर तैनात सैनिक के सुरक्षित लौटने की प्रार्थना का प्रतीक है. उनके अनुसार, इस अभियान ने पूरे देश और तीनों सेनाओं को उद्देश्य, भावना और विश्वास के एक सूत्र में बांधा.
तीन सिद्धांत – साहस, आत्मविश्वास और शांति
सेना प्रमुख ने बताया कि पूरे अभियान का आधार तीन स्तंभों पर था साहस, आत्मविश्वास और शांति. उन्होंने कहा कि कठिन हालात में थलसेना, नौसेना और वायुसेना ने एकजुट होकर धैर्य और रणनीतिक सटीकता दिखाई. तीनों सेनाओं के प्रमुख शांत और आत्मविश्वासी बने रहे, जिससे देश के नागरिकों को भरोसा मिला कि वे सुरक्षित हाथों में हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सेनाओं ने सीमाओं से 100 किलोमीटर आगे तक जाकर जोखिमों को कम करते हुए खतरों को निष्क्रिय किया.
बदलती युद्ध रणनीतियां और नई चुनौतियां
जनरल द्विवेदी ने कहा कि आधुनिक युग में युद्ध केवल जमीन या हवा तक सीमित नहीं रहा. अब साइबर, अंतरिक्ष और सूचना युद्ध जैसी नई चुनौतियां पारंपरिक खतरों के साथ उभर रही हैं. उन्होंने कहा कि परिवर्तन की गति इतनी तेज़ है कि जब तक आप एक चुनौती को समझते हैं, तब तक दूसरी सामने आ जाती है.
#WATCH | Rewa, Madhya Pradesh | Addressing an event at TRS College, Chief of the Army Staff, General Upendra Dwivedi says, "...Other than gaining the victory over the enemy, Operation Sindoor was to re-establish sovereignty, integrity and peace... It was the Prime Minister who… pic.twitter.com/LhvW9PxR22
— ANI (@ANI) November 1, 2025
युवा पीढ़ी है देश की ताकत
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जेनरेशन Z भारत की भावी शक्ति है. यह पीढ़ी डिजिटल रूप से सक्षम, सामाजिक रूप से जागरूक और वैश्विक दृष्टिकोण रखने वाली है. अनुशासन और दिशा के साथ यही युवा भारत को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं.
जनरल द्विवेदी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी के निर्णायक नेतृत्व, सैन्य स्वतंत्रता और राजनीतिक स्पष्टता ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारतीय रक्षा इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय बना दिया है.


