score Card

'उन्होंने भक्तों पर गोलियां चलाईं, हमने दिए जलाए', योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में विपक्ष पर साधा निशाना

अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए 1990 में कारसेवकों पर हुई गोलीबारी की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि जिन्होंने मंदिर निर्माण रोका, वे आज उद्घाटन में शामिल नहीं हुए. योगी ने इसे सनातन धर्म की सत्य पर विजय का प्रतीक बताया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

अयोध्या में भगवान राम की वापसी के प्रतीक रूप में दिवाली के विशेष आयोजन की तैयारियाँ जोरों पर हैं. इसी दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा ने वर्षों तक अयोध्या को अंधेरे में रखा और राम मंदिर निर्माण के विरोध में काम किया.

जिन्होंने कारसेवकों पर चलाईं गोलियां, वे मंदिर में नहीं आए

दीपोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन के समय कारसेवकों पर गोलियाँ चलवाईं, वे अब उस ऐतिहासिक मंदिर उद्घाटन का हिस्सा बनने नहीं आए.” उनका इशारा समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की ओर था, जिन्होंने 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था.

हमने दीये जलाए, उन्होंने गोली चलाई

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि जब हमने दीप जलाकर श्रद्धा व्यक्त की, तब कुछ लोगों ने रामभक्तों पर गोलियाँ चलाईं. जब मंदिर आंदोलन अपने चरम पर था, उस समय इन्हीं लोगों ने मंदिर निर्माण रोकने के लिए वकीलों की फ़ौज खड़ी की. योगी ने इस अवसर को सत्य की जीत का प्रतीक बताया और कहा कि दीपावली का हर दीपक सनातन धर्म के संघर्ष और विजय का स्मरण कराता है.

1990 की घटना का पुनः स्मरण

योगी आदित्यनाथ ने 1990 की उस ऐतिहासिक घटना की याद दिलाई, जब मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए बाबरी मस्जिद की ओर मार्च कर रहे कारसेवकों पर पुलिस कार्रवाई का आदेश दिया था. उनका बयान था कि उन्हें घुसने दीजिए, हम उन्हें कानून का मतलब समझाएंगे. मस्जिद को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.

आडवाणी की रथयात्रा

इस घटनाक्रम के दौरान लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा बिहार में लालू प्रसाद यादव की सरकार द्वारा रोक दी गई थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बावजूद अयोध्या में बड़ी संख्या में कारसेवक एकत्र हो चुके थे. जब उन्होंने बाबरी मस्जिद की ओर बढ़ने का प्रयास किया, तो पुलिस ने बल प्रयोग किया.

गोलीबारी और मौतों का विवाद

2 नवंबर 1990 को जब कारसेवकों ने फिर से मार्च शुरू किया, तो पुलिस ने उन पर दोबारा गोलीबारी की. इस घटना में कई लोगों की जान गई, जिनमें महिलाएँ और बुजुर्ग भी शामिल थे. आधिकारिक आंकड़ों में 17 मौतें दर्ज हुईं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने मृतकों की संख्या कहीं अधिक बताई.

calender
20 October 2025, 07:31 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag