Ayodhya: आखिर क्यों बदली गई रामलला के पुजारियों की ड्रेस? जानिए धर्मशास्त्रों का मत
Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर के पुजारियों के लिए नया ड्रेस कोड लागू किया गया है. अब पुजारी नई पौशाक में नजर आएंगे. इसके अलावा मंदिर से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पुजारियों को अपने फोन मंदिरों में ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, यह नियम पुजारियों के बीच एकरूपता बनाए रखने और परिसर में दूसरे लोगों से अलग बनाने के उद्देश्य से किया गया है. इसम मौके पर जानिए इसको लेकर धर्म शास्त्र क्या कहते हैं.

Ayodhya: अयोध्या श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ने पुजारियों के लिए एक नया ड्रेस कोड जारी किया है. राम मंदिर के पुजारी अब भगवा रंग के बजाय पारंपरिक पीले कपड़े पहनेंगे. वे अब धोती से लेकर चौबंदी और पगड़ी तक सभी पीले रंग के पहनेंगे. बता दें कि, पहले पुजारी भगवा रंग का कुर्ता, पगड़ी और धोती पहनते थे. उनकी पगड़ी कपास से बनी होती है. मंदिर के सूत्रों ने कहा कि पुजारियों को अपने फोन मंदिरों में ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
राम मंदिर के सहायक पुजारी संतोष कुमार तिवारी ने कहा कि यह कदम सनातन धर्म के सिद्धांतों को देखते हुए उठाया गया है. उन्होंने कहा कि मंदिर की हालिया तस्वीरें ऑनलाइन लीक होने के बाद अब फोन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. मंदिर ट्रस्ट ने प्रत्येक सहायक पुजारी को पांच प्रशिक्षु पुजारी भी नियुक्त किया है.

1 जुलाई से लागू हुआ है नियम
यह नियम एक जुलाई से लागू हो चुका है. पहले रामलला के गर्भगृह में रामलला के पुजारी भगवा पगड़ी, भगवा कुर्ता और भगवा कलर का ही धोती पहनते थे लेकिन अब पीले रंग का पहन रहे हैं. नए ड्रेस कोड के साथ पुजारियों को कपड़े से लेकर पगड़ी पहनने तक की ट्रेनिंग दी गई है. अब जो पुजारी पगड़ी पहनेंगे वो पीले रंग के सूती कपड़े से बनी है. वहीं जो कुर्ता है उसमें बटन नहीं होगा बल्कि उसकी जगह धागा होगा.
मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध
पहले राम मंदिर के गर्भगृह के मुख्य पुजारी के साथ चार सहायक पुजारी होते थे लेकिन अब पुजारियों की संख्या बढ़ा दी गई है. अब प्रत्येक पुजारी के साथ 5 प्रशिक्षु पुजारी होंगे. पुजारी सुबह 3.30 बजे से रात 11 बजे तक अपनी सेवाएं देंगे. ट्रस्ट ने बताया कि, अब सभी पुजारियों को पांच घंटे मंदिर के गर्भ गृह में सेवा देनी होगी. इसके साथ ही फोन ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. अब पुजारी फोन लेकर गर्भगृह के अंदर प्रवेश नहीं कर सकते हैं.
चल रहा हूँ धूप में तो श्री राम तेरी छाया है
— Ranjit Rajput (@pr0ud__hindu) July 4, 2024
शरण है तेरी सच्ची बाकी तो सब मोह माया है।🚩#ayodhya #Ram #rammandir pic.twitter.com/it7QPbWvoB
क्यों बदला गया ड्रेस कोड?
दरअसल, सनातन धर्म में मंदिर के पुजारियों के कपड़े पहनने के भी खास नियम है. धर्मशास्त्र के अनुसार पुजारियों को ऐसे वस्त्र पहनने चाहिए जिनमें पांव या सिर डालना न हो. राम मंदिर के सहायक पुजारी संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि, पहले पुजारी सामान्य धोती-कुर्ता, कुर्ता पायजामा पहनकर आ जाते थे. पगड़ी और पीतांबर यानी पीली भी पहनते थे लेकिन धर्मशास्त्र के अनुसार यह उचित नहीं था इसलिए ये बदलाव किया गया है. उन्होंने कहा कि, नए ड्रेस कोड को राम मंदिर की पूजा में एकरूपता लाने के लिए लागू किया गया था जिसके लिए आचार्य सत्येंद्र दास ने भी अपनी सहमति दी थी.
धर्मशास्त्र के अनुसार पुजारियों के कपड़ों का महत्व
भारतीय संस्कृति में पीले रंग का काफी महत्व है. इस रंग को पवित्र माना जाता है कहा जाता है कि अगर सफेद कपड़ा पर पीला रंग चढ़ा दिया जाए तो कपड़ा पवित्र हो जाता है इसलिए हिंदू धर्म में पीला रंग के महत्व को देखते हुए राम मंदिर के पुजारियों का ड्रेस कोड बदला गया है. धर्मशास्त्र के मुताबिक पीला रंग देवताओं को काफी प्रिय भी होता है. वहीं वैज्ञानिक रूप से पीला रंग इंसा के आंखो को शंकुओं में लंबे मध्यमक दोनों तरंग दैर्घ्य वालों को प्रभावित करता है.


