Badlapur sexual assault case: फर्जी था आरोपी से मुठभेड़ का मामला, पुलिस कस्टडी में अक्षय शिंदे की मौत के लिए 5 पुलिसकर्मी जिम्मेदार
Badlapur sexual assault case: महाराष्ट्र के बदलापुर में 24 वर्षीय अक्षय शिंदे की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. ठाणे के एक मजिस्ट्रेट की जांच में शिंदे की हिरासत में हुई मौत के लिए पांच पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है. इस मामले में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाने का दावा किया था.

Badlapur sexual assault case: महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल में यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस कस्टडी में मौत ने एक नया मोड़ लिया है. ठाणे मजिस्ट्रेट की जांच में यह सामने आया है कि आरोपी की मौत के लिए पांच पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है. शिंदे के परिवार ने पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में की गई गोलीबारी के दावे को सख्ती से नकारा और इसे एक फर्जी मुठभेड़ बताया. इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है और इस मामले की विस्तृत जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है.
यह घटना अगस्त में हुई, जब 24 वर्षीय शिंदे को बदलापुर के एक स्कूल में दो छोटी लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 24 सितंबर को शिंदे को ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस ले जा रही थी, तभी पुलिस द्वारा गोलीबारी में उसकी मौत हो गई. पुलिस ने इसे आत्मरक्षा में लिया गया कदम बताया, लेकिन शिंदे के परिवार का कहना है कि यह एक साजिश थी, क्योंकि शिंदे उस दिन निहत्थे थे और कोई हमला नहीं कर सकते थे.
मजिस्टेरेट जांच में सामने आई नई जानकारी
ठाणे मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के अनुसार, अक्षय शिंदे की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के लिए पांच पुलिसकर्मी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. इस रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में बॉम्बे हाई कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और आगे की जांच की जाए.
क्या था पुलिस का बयान?
पुलिस ने दावा किया था कि 24 सितंबर को शिंदे को ट्रांजिट रिमांड पर ले जाते वक्त उसने एक पुलिस अधिकारी की बंदूक छीन ली और गोली चला दी, जिससे एक अधिकारी घायल हो गया. इसके बाद पुलिस ने जवाबी गोली चलाई, जिससे शिंदे की मौत हो गई. पुलिस का कहना था कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई थी, लेकिन इस दावे को शिंदे के परिवार ने खारिज किया.
परिवार ने लगाया फर्जी मुठभेड़ का आरोप
शिंदे के परिवार का कहना है कि पुलिस का बयान पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है. उनका कहना है कि शिंदे उस दिन निहत्था था और यह असंभव था कि वह पुलिसकर्मियों पर हमला करता. शिंदे के परिवार ने आरोप लगाया कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी, जिसका उद्देश्य उनके बेटे को जान से मारना था.
राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की. उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के बाद स्थिति नियंत्रण में थी और पुलिस का व्यवहार उचित था. हालांकि, विपक्ष और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के दावों को नकारते हुए इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है.
प्रदर्शन और विरोध
शिंदे की मौत के बाद, स्थानीय लोग और प्रदर्शनकारी गुस्से में आ गए. उन्होंने बदलापुर स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. इसके अलावा, स्कूल के अध्यक्ष और सचिव पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने समय पर यौन उत्पीड़न की घटना की रिपोर्ट नहीं की, जिसके चलते उन्हें यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोपित किया गया.
विशेष जांच दल (SIT) का गठन
महाराष्ट्र सरकार ने मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. SIT को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह इस मामले की हर पहलू से जांच करे और दोषियों को सजा दिलवाने के लिए कार्यवाही करे. इस जांच में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.