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भगवंत मान की नई नीति से पंजाब बोलेगा... अब नशा नहीं, शिक्षा चाहिए

पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. 1 अगस्त से सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक छात्रों को नशे से बचाव पर वैज्ञानिक पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. यह पाठ्यक्रम नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी की टीम द्वारा तैयार किया गया है. भगवंत मान सरकार ने इसे सामाजिक क्रांति माना है, जो राज्य को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

पंजाब लंबे समय से नशे की गंभीर समस्या से जूझ रहा है. कई परिवारों की खुशियाँ नशे की लत ने छीन ली हैं, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. भगवंत मान की सरकार ने नशे के खिलाफ सिर्फ सख्ती ही नहीं, बल्कि जड़ से समाधान निकालने का संकल्प लिया है. इसी सोच के साथ पंजाब सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है जो आने वाले समय में पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकता है.

स्कूलों में नशा विरोधी शिक्षा, एक नई शुरुआत

1 अगस्त से पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को नशे से बचाव के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. यह सिर्फ एक कोर्स नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को जागरूक और मजबूत बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है. इस पाठ्यक्रम को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. अभिजीत बनर्जी की टीम ने तैयार किया है, जिसे वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने भी सराहा है.

कैसे बदलेगी सोच बच्चों की

इस पाठ्यक्रम में बच्चों को 27 हफ्तों तक हर पंद्रह दिन में 35 मिनट की कक्षा दी जाएगी, जिसमें उन्हें यह सिखाया जाएगा कि नशे से कैसे दूरी बनाए रखें, सामाजिक दबाव में आकर गलत रास्ता न अपनाएं और सही फैसले कैसे लें. इस दौरान फिल्मों, पोस्टर, वर्कशीट्स और इंटरैक्टिव गतिविधियों के माध्यम से बच्चों की सोच को मजबूत किया जाएगा.

पायलट प्रोजेक्ट में मिले सकारात्मक नतीजे

इस पाठ्यक्रम को अमृतसर और तरनतारन के 78 स्कूलों में पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया गया था. 9,600 छात्रों में से 90% ने माना कि नशे की लत एक बार में भी लग सकती है. वहीं, पहले जहां 50% छात्र मानते थे कि इच्छाशक्ति से ही नशा छोड़ा जा सकता है, अब यह संख्या घटकर 20% रह गई है. यह बदलाव दिखाता है कि सही मार्गदर्शन से सोच में भी बदलाव संभव है.

नशे की आपूर्ति पर सख्ती और मांग पर चोट

पंजाब सरकार ने 'युद्ध नशे विरुद्ध' अभियान के तहत अब तक 23,000 से अधिक नशा तस्करों को जेल भेजा है, 1,000 किलो से अधिक हेरोइन जब्त की गई है और करोड़ों की संपत्ति भी जब्त की गई है. लेकिन सरकार जानती है कि सिर्फ कानून से समाधान नहीं निकलेगा. असली बदलाव तब आएगा जब युवा खुद यह फैसला लेंगे कि वे नशे से दूर रहेंगे.

मान सरकार की असली पहचान

यह पाठ्यक्रम सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में एक मजबूत कदम है. भगवंत मान सरकार यह दिखा रही है कि वो सिर्फ बयान नहीं, बल्कि ज़मीन पर असरदार काम करती है. सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सिर्फ आंकड़ों से नहीं, बल्कि लोगों की तकलीफों से फैसले करती है.

भविष्य की ओर एक नई दिशा

यह पहल केवल पंजाब के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श बन सकती है. जब बच्चे सही शिक्षा के साथ बड़े होंगे, तो नशे जैसी बुराई खुद ब खुद हार मान जाएगी. अब वक्त है जब हर पंजाबी गर्व से कह सके – हमारी सरकार हमारे बच्चों को नशे से बचा रही है.

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30 July 2025, 09:05 PM IST

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