बिहार में RJD के सामने नई चुनौती, सासाराम से नॉमिनेशन के बाद गिरफ्तार हुए सत्येंद्र साह, 21 साल पुराने केस में हुई गिरफ्तारी
बिहार चुनाव के दूसरे चरण में राजद प्रत्याशी सत्येंद्र साह को नामांकन के तुरंत बाद 2004 के डकैती मामले में गिरफ्तार किया गया. उनकी गिरफ्तारी से सासाराम में सियासी हलचल मच गई है. राजद के सामने उम्मीदवार बदलने की चुनौती है, जिससे चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है.

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सासाराम विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशी सत्येंद्र साह को उस वक्त पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जब उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर लिया था. यह गिरफ्तारी झारखंड के गढ़वा थाना क्षेत्र में वर्ष 2004 में दर्ज एक पुराने डकैती मामले में जारी स्थाई वारंट के आधार पर की गई. सत्येंद्र साह जैसे ही सासाराम अनुमंडल कार्यालय में नामांकन प्रक्रिया पूरी कर बाहर निकले, वहां पहले से मौजूद पुलिस बल ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इसके बाद उन्हें झारखंड पुलिस को सौंप दिया गया, जो उन्हें गढ़वा की अदालत में पेश करेगी.
राजनीतिक सफर
सत्येंद्र साह का नाम सासाराम की राजनीति में नया नहीं है. वे करगहर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. वर्ष 2010 में उन्होंने कांग्रेस (जे) के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था. इसके बाद कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने अपनी पत्नी को सासाराम नगर निगम के मेयर पद के लिए चुनाव मैदान में उतारा था. इस बार राजद ने बड़ा दांव खेलते हुए वर्तमान विधायक राजेश गुप्ता का टिकट काटकर सत्येंद्र साह को उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन उनकी गिरफ्तारी ने पार्टी की रणनीति पर पानी फेर दिया है.
गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक माहौल गर्म
गिरफ्तारी की खबर फैलते ही सासाराम में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया. राजद समर्थकों ने इसे साजिश करार देते हुए विरोध जताया. कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह गिरफ्तारी एक सोची-समझी रणनीति के तहत की गई है ताकि राजद की चुनावी स्थिति को कमजोर किया जा सके. हालांकि पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से न्यायालय के आदेश के तहत हुई है और इसका किसी भी तरह से चुनावी प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं है. पुलिस ने नामांकन स्थल पर पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो.
RJD के सामने नई चुनावी चुनौती
सत्येंद्र साह की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब चुनावी नामांकन का दूसरा चरण चल रहा है. अब राजद के सामने यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या वे सत्येंद्र साह को ही उम्मीदवार बनाए रखेंगे या फिर किसी अन्य चेहरे को मैदान में उतारेंगे. यह मामला पार्टी की छवि पर भी असर डाल सकता है, खासकर तब जब चुनावी माहौल तेज़ होता जा रहा है. पार्टी के पास अब सीमित समय है, ऐसे में जल्द निर्णय लेना होगा.


