Bihar Assembly Elections 2025: तेज प्रताप ने बदला सियासी रास्ता? अखिलेश से आशीर्वाद के बाद सपा दफ्तर का चक्कर, क्या समाजवादी पार्टी से लड़ेंगे चुनाव?
तेज प्रताप यादव एक बार फिर अपने सियासी कदमों को लेकर चर्चा में हैं. आरजेडी से दूरी और परिवार से दरकिनार होने के बाद अब उन्होंने समाजवादी पार्टी का रुख कर लिया है. बुधवार को उन्होंने पटना स्थित सपा कार्यालय पहुंचे, जिससे उनके सपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं.

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की सियासत में एक बार फिर तेज हलचल देखने को मिल रही है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत फैसलों को लेकर लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. अब उनका समाजवादी पार्टी (सपा) के दफ्तर पहुंचना और अखिलेश यादव से करीबी बढ़ाना इस बात के संकेत दे रहा है कि वह आने वाले चुनावों में बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं.
तेज प्रताप यादव बुधवार को पटना में सपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने करीब एक घंटे तक सपा नेताओं से मुलाकात की और आगामी चुनाव को लेकर गहन चर्चा की. इस मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि तेज प्रताप सपा में शामिल होकर नई राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकते हैं.
आरजेडी से अलग-थलग, तेजस्वी से दूरी
विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान तेज प्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव और आरजेडी से अलग-थलग नजर आए. जहां विपक्षी दलों के नेता काले कपड़ों में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं तेज प्रताप सामान्य वेशभूषा में नजर आए. यही नहीं, उन्होंने विधानसभा में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के साथ मुस्कुराते हुए बातचीत की, जिसने आरजेडी खेमे को असहज कर दिया.
निर्दलीय चुनाव की घोषणा
लालू प्रसाद यादव द्वारा किनारे किए जाने के बाद तेज प्रताप ने टीम तेज प्रताप नाम की नई राजनीतिक इकाई का गठन किया है. उन्होंने ऐलान किया है कि वे महुआ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक दावा कर दिया कि वे आरजेडी के आधिकारिक उम्मीदवार को हराकर दिखाएंगे.
अखिलेश यादव से संपर्क
तेज प्रताप का सपा कार्यालय जाना अचानक नहीं हुआ है. राजनीतिक सूत्रों की मानें तो तेज प्रताप और अखिलेश यादव के बीच अच्छे संबंध रहे हैं. जब तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से बाहर का रास्ता दिखाया गया, तब भी उन्होंने अखिलेश यादव से वीडियो कॉल के जरिए आशीर्वाद लिया था. जानकारों का मानना है कि अगर तेज प्रताप निर्दलीय के बजाय सपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का फायदा मिल सकता है.
आज मेरे परिवार के सबसे प्यारे सदस्यों में से एक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव जी से वीडियो कॉल पर लंबी वार्ता हुई,इस दौरान बिहार के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा हुई....अखिलेश जी हमेशा से ही मेरे दिल के काफी करीब रहे है और आज जब मेरा हालचाल लेने के लिए उनका… pic.twitter.com/5BLu1FxEsc
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 25, 2025
सपा का बिहार में अभी कोई बड़ा जनाधार नहीं है, लेकिन तेज प्रताप जैसे प्रभावशाली और चर्चित चेहरे के आने से पार्टी को संजीवनी मिल सकती है. वहीं तेज प्रताप को भी एक नए राजनीतिक मंच की तलाश है, जिससे वह अपनी ताकत दिखा सकें. यह गठजोड़ अगर होता है, तो बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है.


