Bihar Election Result: राघोपुर और महुआ में बड़ा उलटफेर, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव दोनों पीछे
तेजस्वी और तेज प्रताप यादव दोनों ही 2025 बिहार चुनाव की शुरुआती मतगणना में पीछे चल रहे हैं. तेज प्रताप नए दल JJD से और तेजस्वी राघोपुर से संघर्ष कर रहे हैं. दोनों भाइयों की अलग राजनीतिक राहें इस चुनाव को उनके लिए चुनौतीपूर्ण बना रही हैं.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना ने इस बार सिर्फ राजनीतिक दलों को ही नहीं, बल्कि लालू प्रसाद यादव के परिवार को भी भावनात्मक और राजनीतिक रूप से बड़ी चुनौती के सामने ला खड़ा किया है. कारण साफ है पूर्व मुख्यमंत्री के दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव एक ही चुनावी मैदान में अलग-अलग दिशाओं से मुकाबला कर रहे हैं और शुरुआती रुझान दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी करते दिख रहे हैं.
तेजस्वी और तेज प्रताप दोनों पीछे
11 राउंड की मतगणना के बाद दोनों भाइयों की स्थिति चिंताजनक दिखी. महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी यादव अपने पारिवारिक गढ़ राघोपुर में 4000 से अधिक वोटों से पीछे चल रहे हैं. दूसरी ओर तेज प्रताप यादव महुआ सीट से भारी अंतर से पिछड़ते नजर आ रहे हैं. वह चौथे नंबर पर खिसक गए हैं. तेज प्रताप लगभग 26000 वोटों से पीछे चल रहे हैं, जो उनके लिए चुनावी जमीनी स्थिति की गंभीर चुनौती को दर्शाता है.
तेज प्रताप की अलग राह
तेज प्रताप यादव का यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि वह पहली बार अपने पिता की पार्टी राजद से बाहर होकर चुनाव लड़ रहे हैं. 25 मई को लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे को गैरजिम्मेदाराना व्यवहार और पारिवारिक मूल्यों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
यह विवाद उस कथित फेसबुक पोस्ट के बाद बढ़ा, जिसमें तेज प्रताप पर निजी संबंधों को सार्वजनिक करने का आरोप लगा. उन्होंने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि उनका खाता हैक किया गया और परिवार को बदनाम करने के लिए तस्वीरों से छेड़छाड़ की गई.
निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने अपने राजनीतिक सफर की नई शुरुआत की और जनशक्ति जनता दल (JJD) नाम की पार्टी बनाई. 5 अगस्त को उन्होंने पांच छोटी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर नए मोर्चे का चेहरा बनने का दावा किया.
तेजस्वी की स्थिति भी आसान नहीं
तेजस्वी यादव भी इस बार कड़ी चुनौती झेलते दिख रहे हैं. शुरुआती रुझानों में वह मामूली बढ़त और बढ़त खोने के बीच झूलते नजर आए. 2020 में उन्होंने राघोपुर से आरामदायक अंतर से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार मुकाबला अधिक कठिन दिख रहा है. बता दें कि तेजस्वी यादव बिहार में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार थे.
दो राहों पर दो भाई
मतगणना दिवस की तस्वीर इन दोनों भाइयों के पूरी तरह अलग रास्तों को दिखाती है. तेज प्रताप अपनी नई पहचान गढ़ने की कोशिश में राजनीतिक संघर्ष के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. तेजस्वी महागठबंधन की पूरी उम्मीदों का भार उठाए हुए हैं. महुआ के परिणाम बताते हैं कि तेज प्रताप का अलगाव फिलहाल उनके लिए आसान साबित नहीं हो रहा.
तेज प्रताप का दावा
मतगणना से पहले तेज प्रताप ने कहा था कि मुझे एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं है. 14 नवंबर को क्या होगा, यह कोई नहीं कह सकता. हम काम की तैयारी करते हैं, जश्न की नहीं. लेकिन अब तक मिले आंकड़े दिखाते हैं कि महुआ में उनकी चुनौती पहले से कहीं अधिक कठिन हो चुकी है.


