क्या टूटेगा 2010 का रिकॉर्ड? बिहार में दो तिहाई बहुमत के पार एनडीए
2010 में बिहार में नीतीश की NDA ने धमाकेदार जीत हासिल की थी. अब 2025 के शुरुआती रुझान बता रहे हैं कि नीतीश फिर कमाल करने वाले हैं. 2010 का रिकॉर्ड तोड़ते हुए NDA दो-तिहाई से आगे निकल रही है. नीतीश की चतुर रणनीति और BJP गठबंधन ने बिहार की सियासत में नया इतिहास रचती नजर आ रही है.

बिहार: 2010 में बिहार में एनडीए (जेडीयू–भाजपा गठबंधन) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को भारी बहुमत मिला और राजद–लोजपा गठबंधन को बड़ा नुकसान हुआ था.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के शुरुआती रुझानों में यह स्पष्ट हो रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार एक बार फिर बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है. 2010 के ऐतिहासिक रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, इस बार एनडीए दो तिहाई बहुमत से भी आगे बढ़ने की ओर है. नीतीश कुमार की राजनीतिक रणनीति और भाजपा के साथ गठबंधन ने बिहार में एक मजबूत राजनीतिक असर छोड़ दिया है, जो राज्य की राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है.
अगर यह रुझान अंतिम परिणामों में तब्दील होते हैं, तो यह नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक जीत साबित होगी, जो 2010 में रिकॉर्ड तोड़ बहुमत हासिल करने के बाद से लगातार विरोधियों के हमलों का सामना कर रही थी.
2010 का रिकॉर्ड
2010 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए (जेडीयू-भा.ज.पा गठबंधन) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. उस समय, एनडीए को 206 सीटें मिली थीं, जो एक सुपर बहुमत थी और बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आई थी. इस जीत ने जेडीयू और भाजपा गठबंधन को बिहार की राजनीति में मजबूत स्थिति प्रदान की थी.
2010 में बिहार चुनाव का रिजल्ट
जेडीयू (JDU): 115 सीटें
भा.ज.पा (BJP): 91 सीटें
कुल एनडीए सीटें: 206 (सुपर बहुमत)
राजद (RJD): 22 सीटें
कांग्रेस (INC): 4 सीटें
लोजपा (LJP): 3 सीटें
अन्य: 8 सीटें
बिहार में राजनीतिक बदलाव की आहट
2010 के बाद से बिहार में कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव हुए हैं. नीतीश कुमार का नेतृत्व कभी भाजपा के साथ था तो कभी राजद के साथ, लेकिन हर बार उन्होंने खुद को बिहार के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक साबित किया. हालांकि, इस बार बिहार के वोटर ने उन्हें और उनके गठबंधन को फिर से मजबूत समर्थन दिया है, जिससे यह अनुमान जताया जा रहा है कि 2010 का रिकॉर्ड इस बार भी टूट सकता है.
क्या एनडीए बनाएगा नया इतिहास?
यदि वर्तमान रुझान सही साबित होते हैं, तो एनडीए की सरकार बिहार में एक बार फिर मजबूत स्थिति में लौटेगी और यह 2010 के बाद सबसे बड़ी जीत हो सकती है. नीतीश कुमार और भाजपा का गठबंधन बिहार में राजद और अन्य विपक्षी दलों को ध्वस्त करने में सफल हो सकता है, जो राज्य की राजनीति में बदलाव की दिशा तय करेगा.


