शराब घोटाला मामले में 14 दिन की हिरासत में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को रायपुर की अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा. ईडी का आरोप है कि ₹2,161 करोड़ के इस घोटाले का संचालन रिश्वतखोरी और लाइसेंस हेराफेरी के माध्यम से हुआ. कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया, जबकि जांच से राज्य की राजनीति में तनाव बढ़ रहा है.

Chhattisgarh liquor scam: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को राज्य में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में रायपुर की अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अदालत का यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पाँच दिनों की हिरासत में पूछताछ पूरी होने के बाद आया. ईडी के वकील सौरभ पांडे ने अदालत को बताया कि चैतन्य बघेल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. अदालत ने उन्हें 6 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया.
गिरफ्तारी का कारण
ईडी ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था. एजेंसी का आरोप है कि इस कथित शराब घोटाले में सरकारी खजाने को ₹2,161 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाया गया. ईडी का दावा है कि चैतन्य इस पूरे नेटवर्क का मुख्य संचालक हैं, जिसमें रिश्वतखोरी, अवैध बिक्री और लाइसेंस में हेराफेरी का जाल फैला हुआ था.
कैसे हुआ घोटाला?
यह कथित घोटाला छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) के माध्यम से संचालित होता था. आरोप है कि शराब बनाने वाली कंपनियों से बाज़ार में विशेष लाभ दिलाने के लिए रिश्वत ली जाती थी. साथ ही, सरकारी दुकानों के माध्यम से देशी शराब की अवैध बिक्री की जाती थी. ईडी का कहना है कि कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए विदेशी शराब लाइसेंस (FL-10A) में हेराफेरी की गई.
अन्य बड़े नाम
व्यवसायी अनवर ढेबर
पूर्व नौकरशाह अनिल टुटेजा
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा
ईडी का आरोप है कि ये सभी लोग नियमित तौर पर रिश्वत लेते थे. अब तक इस मामले में ₹205 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य को निर्देश दिया कि वे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जाकर पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत अपनी जांच और संभावित गिरफ्तारी को लेकर राहत की मांग करें. इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने उन्हें पीएमएलए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए अलग से याचिका दायर करने की भी अनुमति दी है.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है. पार्टी का आरोप है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चुनाव से पहले विपक्ष को दबाने और उनकी छवि धूमिल करने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक प्रवृत्ति बताया.
बढ़ता राजनीतिक तनाव
इस मामले की जांच जैसे-जैसे गहराती जा रही है, वैसे-वैसे और बड़े नाम सामने आ रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद का असर आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों पर गहराई से पड़ सकता है.
कांग्रेस और भाजपा के बीच पहले से ही राजनीतिक टकराव की स्थिति है, और यह घोटाला राज्य की राजनीति को और अधिक तनावपूर्ण बना सकता है.


