चेतावनी या सुझाव! कांवड़ यात्रा से पहले CM योगी के मंत्री ने मुसलमानों से कहा कुछ ऐसा; बताया क्यों होता है विवाद
UP News: योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल का एक बयान इन दिनों सुर्खियों में है. उन्होंने मुजफ्फरनगर में एक बैठक के दौरान मुसलमानों से एक बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने कावड़ यात्रा को लेकर भी समीक्षा की है. उन्होंने इस संबंध में प्रशासन को सतर्क रहने को कहा है. साथ ही पुलिस से काहा हा कि आप अपने तैयारी बनाए रखें.

Uttar Pradesh News: अब कुछ दिनों में सावन का महीना शुरू होने वाला है. इसमें भोलेनाथ के भक्त कावड़ यात्रा करेंगे और अपने आराध्य का जल अर्पित करेंगे. इसके लिए पुलिस और प्रशासन तैयारी में लग गए हैं. हर स्तर पर समीक्षा बैठक हो रही है. इसी बैठक के लिए उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल मुजफ्फरनगर पहुंचे. यहां उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया और प्रशासन को निर्देश दिए. इसी दौरान उन्होंने मुसलमानों के लिए एक सुझाव दिया जिसकी अब चर्चा हो रही है.
मंत्री अधिकारियों को निर्देश दिया कि यात्रा शुरू होने से पहले आप अपनी तैयारी कर ले. यात्रा के दौरान किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होना चाहिए. जिले में सामाजिक प्रेम बना रहे. इसका ध्यान रखें. कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण एवं सदभाव के वातावरण में सम्पन्न कराना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
क्या कहा कपिल देव ने?
बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि कांवड़ मेले में मुस्लिम लोग हिंदू देवी देवताओं के नाम पर अपनी दुकान न चलाएं. हमें उनके व्यापार करने से कोई समस्या नहीं है लेकिन, जब कोई बाहर से आने वाला कावड़िया चाय पानी पीता है और उसे पता चलता है तो समस्या होती है. ये विवाद का कारण बना है. इसलिए आप भी समस्या का ध्यान रखें.
कांवड़ यात्रा की तारीख
कांवड़ यात्रा सावन के पहले दिन यानी 22 जुलाई से शुरू होकर शिवरात्रि तक चलेगी. सावन माह की त्रयोदशी तिथि पर आने वाली शिवरात्रि दो अगस्त को है. इस दिन कांवड़िए शिवलिंग पर जल चढ़ाएंगे. इस अवधि में घाटों और मंदिरों में पुलिस और प्रशासन की खास व्यवस्था होगी.
क्या होती है कावड़ यात्रा?
कावड़ यात्रा में भोले भक्त अपनी मनोकामना के लिए अपने नजदीकी पवित्र नदी से जल भरकर निकलते हैं. वो भोले बाबा के स्थान में जाते हैं और उन्हें जल अर्पित करते हैं. ये पूरी यात्रा पैदल ही तय की जाती है और कावड़ को कंधे पर रखा जाता है. पूरी यात्रा के दौरान इसे जमीन पर रखने की मनाही होती है.


