क्राइम कंट्रोल और नशा मुक्त पंजाब, हर शहर में दिख रहा मान सरकार की नीतियों का असर...सुरक्षित हुआ युवाओं का भविष्य
भगवंत मान सरकार ने पंजाब में संगठित अपराध और नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने गैंगस्टरों और नशा तस्करों के नेटवर्क को तोड़ा. भ्रष्टाचार पर कड़ी निगरानी और पुलिस सुधार से कानून-व्यवस्था मजबूत हुई.

पंजाब : जब भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में आई, तो सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश में फैले संगठित अपराध और नशे का जाल थी. पिछली सरकारों की ढीली नीतियों के कारण यह समस्या विकराल रूप ले चुकी थी और युवाओं का भविष्य खतरे में था. मुख्यमंत्री मान ने तुरंत स्पष्ट कर दिया कि ‘जुर्म और माफिया’ के लिए पंजाब में कोई जगह नहीं होगी.
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) का गठन
नशे के खिलाफ अभियान
पंजाब में नशा युवाओं के लिए अभिशाप बन चुका था. भगवंत मान सरकार ने ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ की शुरुआत की और बड़े पैमाने पर नशा तस्करों को गिरफ्तार किया. कुख्यात तस्करों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाना भी इस अभियान का हिस्सा था. इस कदम से अपराधियों के मन में डर पैदा हुआ और युवाओं को सुरक्षित वातावरण मिला.
भ्रष्टाचार और प्रशासनिक सुधार
सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन की स्थापना की. सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों पर भी सख्त कार्रवाई करने का साहसिक कदम उठाया गया, जिससे संदेश गया कि कानून सबके लिए समान है. पुलिस विभाग को आधुनिक बनाने पर जोर दिया गया और नई भर्तियों के साथ ‘सड़क सुरक्षा फोर्स’ जैसी विशेष इकाइयाँ बनाई गईं.
जनता की भागीदारी और जवाबदेही
सरकार ने जनता के लिए ‘मुख्यमंत्री सहायता केंद्र’ शुरू किया, जिससे लोग समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से समस्याओं का समाधान कर सकते हैं. कानून-व्यवस्था में सुधार और जवाबदेही स्थापित करने से पुलिस प्रशासन अधिक सक्रिय और उत्तरदायी बन गया.
युवाओं और प्रदेश के विकास पर असर
भगवंत मान सरकार के अपराध और नशे के खिलाफ सख्त कदमों का सबसे बड़ा लाभ युवाओं को मिला. सुरक्षित वातावरण और अपराध मुक्त माहौल ने उन्हें अपने भविष्य पर ध्यान देने का अवसर दिया. इससे पंजाब में शांति, विकास और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा मिला.


