दिल्ली के स्कूल में 10वीं के छात्र की आत्महत्या के मामले में प्रधानाध्यापिका समेत 4 निलंबित
दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट कोलंबा स्कूल में दसवीं कक्षा के छात्र की संदिग्ध आत्महत्या के बाद स्कूल प्रबंधन ने प्राथमिक जांच पूरी होने तक चार कर्मचारियों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया.

दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट कोलंबा स्कूल में दसवीं कक्षा के छात्र की संदिग्ध आत्महत्या के बाद मामला तेजी से तूल पकड़ता जा रहा है. गुरुवार को स्कूल प्रबंधन ने प्राथमिक जांच पूरी होने तक चार कर्मचारियों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया. निलंबन आदेश में स्कूल की प्रधानाध्यापिका, दो शिक्षकों और कक्षा 9 व 10 के समन्वयक का नाम शामिल है.
शिक्षकों पर प्रताड़ना और मानसिक उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप
यह कदम तब उठाया गया, जब छात्र के सुसाइड नोट में कुछ शिक्षकों पर प्रताड़ना और मानसिक उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए गए. मामला मंगलवार दोपहर सामने आया, जब लगभग 2 बजकर 34 मिनट पर राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन के प्लेटफॉर्म से दसवीं के छात्र ने छलांग लगा दी. तुरंत उसे बीएलके सुपर स्पेशैलिटी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे बचाया नहीं जा सका और मृत घोषित कर दिया. घटना ने न सिर्फ अभिभावकों, बल्कि पूरे शहर को झकझोर दिया है.
छात्र द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में यह दावा किया गया कि कुछ शिक्षक उसे अक्सर डांटते-फटकारते थे और मामूली बातों पर भी कठोर सज़ा देते थे. छात्र ने लिखा कि वह लंबे समय से मानसिक दबाव में था और इस वातावरण से बाहर निकलने का रास्ता उसे दिखाई नहीं दे रहा था.
दिल्ली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी है. पुलिस टीम सहपाठियों, संबंधित शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन के अधिकारियों के बयान दर्ज कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि छात्र पर किस तरह का दबाव था और क्या स्कूल प्रशासन ने उसकी शिकायतों पर ध्यान दिया था या नहीं.
छात्र के पिता प्रदीप पाटिल ने क्या कहा?
उधर, छात्र के पिता प्रदीप पाटिल ने स्कूल प्रबंधन द्वारा की गई कार्रवाई को पर्याप्त नहीं बताया है. उनका कहना है कि सिर्फ निलंबन से बात नहीं बनेगी और एफआईआर में जिन लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह ज़रूरी है कि ऐसा संदेश जाए कि कोई भी शिक्षक बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करने की हिम्मत न करे.
पाटिल, मूल रूप से महाराष्ट्र के निवासी हैं. उन्होंने पहले भी आरोप लगाया था कि उनके बेटे ने कई बार बताया था कि उसके शिक्षक उसे बिना वजह डांटते थे और छोटी-छोटी बातों पर सख्त सज़ा दी जाती थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले को स्कूल प्रशासन के सामने भी उठाया था, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
दुखी पिता ने यह भी बताया कि उनके बेटे ने सुसाइड नोट में अपने माता-पिता से क्षमा मांगी और अंगदान करने की इच्छा जताई. पाटिल का कहना है कि अब जबकि एफआईआर दर्ज हो चुकी है, ज़िम्मेदार लोगों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि ऐसा हादसा दोबारा किसी परिवार के साथ न हो.


