गुजरात में सुबह-सुबह धरती डोली, बनासकांठा के वाव में महसूस किए गए भूकंप के झटके
बनासकांठा के वाव में भूकंप के हल्के झटकों से लोगों की नींद उड़ गई. रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 3.4 रही और धरती 4.9 किलोमीटर नीचे हिली. जानमाल का नुकसान नहीं हुआ लेकिन डर का माहौल जरूर बन गया. क्या ये आने वाले खतरे का संकेत है? पूरी खबर पढ़िए, जानिए कहां था भूकंप का केंद्र और क्यों बार-बार कांप रही है गुजरात की ज़मीन?

Earthquake in Gujarat: शनिवार तड़के जब ज़्यादातर लोग गहरी नींद में थे, तभी अचानक गुजरात की धरती डोल गई. सुबह करीब 3:35 बजे बनासकांठा जिले के वाव इलाके में 3.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. यह जानकारी इंस्टीट्यूट ऑफ सिसमोलॉजी रिसर्च (ISR) ने दी है. भूकंप का केंद्र जमीन से करीब 4.9 किलोमीटर नीचे था.
लोगों में मची हलचल, पर राहत की बात – कोई नुकसान नहीं
सुबह-सुबह जमीन हिलती महसूस होते ही वाव और आसपास के इलाके के लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए. कुछ ही पलों में चारों ओर हड़कंप मच गया. हालांकि भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण कहीं से भी किसी तरह के जान या माल के नुकसान की खबर नहीं है. प्रशासन की टीमों ने तुरंत इलाके का दौरा किया और हालात की समीक्षा की.
गुजरात – एक संवेदनशील भूकंप क्षेत्र
गुजरात को देश के उन राज्यों में गिना जाता है जो भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं. पिछले 200 वर्षों में यहां 9 बड़े भूकंप आ चुके हैं. सबसे खौफनाक था 2001 का कच्छ भूकंप, जिसने लाखों लोगों की जिंदगी को झकझोर दिया था. उस तबाही में 13,800 से ज्यादा लोगों की जान गई थी और करीब 1.67 लाख लोग घायल हुए थे.
वर्तमान भूकंप बनासकांठा के वाव में क्यों आया?
भूकंप जैसी घटनाएं कई भूगर्भीय कारणों से होती हैं. बनासकांठा क्षेत्र सेस्मिक ज़ोन III में आता है, जो मध्यम खतरे की कैटेगरी में रखा गया है. इस ज़ोन में धरती की प्लेटों के आपस में टकराने से अक्सर हल्के-फुल्के झटके महसूस किए जाते हैं.
कैसे रहें सतर्क?
हालांकि इस बार कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ लेकिन यह एक चेतावनी है कि हमें सतर्क रहना चाहिए.
- रात में फोन को चार्ज रखें
- टॉर्च, पानी और ज़रूरी दवाएं पास में रखें
- भूकंप के वक्त खुले मैदान की ओर जाएं
- लिफ्ट का इस्तेमाल ना करें, सीढ़ियों से नीचे उतरें
इस बार का झटका छोटा था, लेकिन याद दिला गया कि धरती जब चाहे हिला सकती है. गुजरात जैसे राज्य में सतर्क रहना और जागरूक रहना ही समझदारी है.


