राहुल गांधी के ‘मैच फिक्सिंग’ बयान पर फडणवीस का पलटवार, बताया जनता का अपमान
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिए गए 'मैच फिक्सिंग' वाले बयान पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तीखा पलटवार किया है. फडणवीस ने राहुल के आरोपों को "हास्यास्पद" और "जनता का अपमान" बताया.

महाराष्ट्र की राजनीति में उस वक्त हलचल तेज हो गई जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर 'मैच फिक्सिंग' के आरोप लगाए. इन बयानों पर कड़ा पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल के आरोपों को 'हास्यास्पद' और 'जनता का अपमान' बताया. उन्होंने कहा कि जो नेता खुद जनता द्वारा खारिज कर दिए गए हैं, वो अब जनादेश को खारिज करने की कोशिश कर रहे हैं.
फडणवीस ने राहुल गांधी की टिप्पणी को तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने वाला बताया और कहा कि यह आरोप न केवल लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं, बल्कि महाराष्ट्र की जनता की समझ और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं. उन्होंने कहा, "ना मैं और ना महाराष्ट्र की जनता, ऐसे आरोपों को माफ करेगी."
फडणवीस का राहुल गांधी पर करारा हमला
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फडणवीस ने राहुल गांधी पर करारा हमला बोला. उन्होंने लिखा, “राहुल गांधी की लेखनी का उद्देश्य सिर्फ भ्रम फैलाना है, न कि किसी को समझाना.” उन्होंने कांग्रेस पर चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों में पारदर्शिता की कमी और पूर्व में चुनावी प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने के आरोप लगाए.
"बोगस वोटर" पर भी दिया जवाब
मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी के "फर्जी वोटर्स" के आरोपों का आंकड़ों के साथ खंडन किया. उन्होंने बताया कि 2024 में 26 लाख से अधिक युवा वोटर जुड़े हैं और यह बढ़ोतरी पिछले रुझानों के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को चुनाव आयोग का पत्र ध्यान से पढ़ना चाहिए.”उन्होंने दावा किया कि मतदाता संख्या में कोई असामान्य बढ़ोतरी नहीं हुई है.
वोटिंग टर्नआउट पर उठाए गए सवाल हास्यास्पद
राहुल गांधी ने दावा किया था कि आखिरी वक्त में बढ़े वोटिंग प्रतिशत से एनडीए को फायदा हुआ. इस पर फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा, “ये पूरी तरह अधूरा सच और हास्यास्पद आरोप है.” उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कई सीटों पर विपक्षी उम्मीदवारों को ही बढ़ी वोटिंग से फायदा मिला.
'सबूत छुपाने' का आरोप भी खारिज
फडणवीस ने राहुल गांधी के उस आरोप को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि सरकार ने चुनावी धांधली के सबूत छुपाए. उन्होंने इसे ‘निराधार और जनता के भरोसे को चोट पहुंचाने वाला’ बताया.
एकनाथ शिंदे और नड्डा ने भी दी तीखी प्रतिक्रिया
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल के आरोपों को पूरी तरह झूठा बताते हुए कहा कि महायुति को महाराष्ट्र में शानदार समर्थन मिला, जबकि भारत जोड़ो यात्रा के बावजूद राहुल को लोगों ने नकार दिया. उन्होंने आरक्षण और संविधान से जुड़े झूठे दावों का भी खंडन किया. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पांच-बिंदुओं वाला पोस्ट शेयर करते हुए राहुल गांधी को “झूठ का सौदागर” बताया. उन्होंने कहा, 'हर हार के बाद राहुल गांधी आत्मचिंतन की बजाय साजिश रचते हैं और संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करते हैं.'
चुनाव आयोग की सख्त टिप्पणी
राहुल गांधी के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग ने भी सख्त टिप्पणी की और उन्हें “अप्रमाणित” और “कानून के शासन का अपमान” करार दिया. आयोग ने कहा कि भारतीय चुनाव कानून के मुताबिक पूरी पारदर्शिता से होते हैं और ये पूरी दुनिया में विश्वसनीय माने जाते हैं. आयोग ने यह भी कहा कि “फर्जी आरोप फैलाकर” उन हज़ारों कर्मचारियों का मनोबल तोड़ा जा रहा है, जो निष्पक्ष चुनाव कराने में दिन-रात मेहनत करते हैं. साथ ही ये भी कहा कि चुनाव के बाद आयोग को बदनाम करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
बता दें कि राहुल गांधी के बयान से महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आया है. देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और जेपी नड्डा समेत तमाम नेताओं ने गांधी के आरोपों को न केवल सिरे से खारिज किया बल्कि उन्हें ‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक’ भी बताया. चुनाव आयोग ने भी राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसा रवैया लोकतंत्र को कमजोर करता है.